संतोष श्रीवास्तव/न्यूज़11 भारत
पलामू/डेस्क: कारगिल विजयी दिवस के अवसर पर झारखंड स्टेट स्कूल एसोसिएशन के द्वारा मेदिनीनगर स्थित नगर भवन टाउन हॉल से हजारों के संख्या में स्कूली विद्यार्थियों के द्वारा कारगिल में शहीद जवानों के प्रति सम्मान स्वरूप श्रद्धांजलि मार्च प्रारंभ किया गया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ झारखंड स्टेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश देव, संरक्षक रामाकांत मेहता, सचिव गिरीश कुमार, कोषाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, वरीय उपाध्यक्ष आफताब आलम, सह सचिव राजीव गोयल, उपाध्यक्ष नंदकिशोर भारती, सेंट पॉल एकेडमी रेहला के प्राचार्य साइमन मैथ्यू एस्ले, ओरिएंट पब्लिक स्कूल के निदेशक सुधीर मेहता प्राचार्य धीरज मेहता, समाजसेवी ललन प्रजापति, शहर के कई भूत पूर्व सैनिकों आदि ने संयुक्त रुप से तिरंगा झंडा दिखाकर कारगिल में शहीदों के सम्मान में निकाली गई श्रद्धांजलि मार्च का शुभारंभ किया.
हजारों हजार के संख्या में विद्यार्थियों का काफिला नगर भवन टाउन हॉल से प्रारंभ होकर सद्दीक मंजिल चौक, लता मंगेशकर चौक, शहीद चौक (कचहरी चौक) राजेंद्र प्रसाद चौक (छहमुहान), शहीद भगत सिंह चौक (हॉस्पिटल चौक) भारत माता चौक (साहित्य समाज) चौक होती हे पुलिस लाइन स्टेडियम में सभा का आयोजन किया गया. विद्यार्थियों ने भारत माता की जय एवं वंदे मातरम के जय घोष के साथ पूरे शहर गुंज्यमान मान बना दिया. मौके पर अध्यक्ष अविनाश देव ने कहा कि सन् 1999 में भारत पाकिस्तान का चतुर्थ युद्ध हुआ जिसे कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाता है. यह युद्ध कारगिल जगह पर हुआ जिससे इसे कारगिल युद्ध कहते है. यह बहुत ठंडा इलाका था जिसमे पाकिस्तान ने कब्ज़ा कर लिया था जब भारत की सेना को पता चला तो उन्होंने इसका मुहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तान पर विजय प्राप्त करी.
आम तौर पर कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाने वाला यह संघर्ष दोनों देशों के बीच ज्यादातर सीमित था. सन् 1999 की शुरुआत में, पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार घुसपैठ की और ज्यादातर कारगिल जिले में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया. भारत ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए एक बड़ा सैन्य और राजनयिक आक्रमण शुरू करके जवाब दिया. संघर्ष के दो महीने बाद, भारतीय सैनिकों ने घुसपैठियों द्वारा अतिक्रमण की गई अधिकांश चोटियों को धीरे-धीरे वापस ले लिया था. अध्यक्ष देव ने कहा कि कारगिल विजय दिवस हमें सिखाता है कि देश की रक्षा सबसे बड़ा धर्म है. हमें अपने सैनिकों के त्याग और बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए. हमें उनके संघर्ष से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने देश के लिए हमेशा कुछ अच्छा करने का संकल्प लेना चाहिए. मौके पर विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित ट्रैफिक प्रभारी श्यामल अहमद ने कहा कि पाकिस्तान की सेना और उसके प्रशिक्षित घुसपैठियों ने चुपके से जम्मू-कश्मीर के कारगिल सेक्टर में भारतीय सीमा में घुसपैठ कर कई ऊंचाई वाले इलाकों पर कब्जा कर लिया. इन इलाकों पर कब्जा कर वह लेह-लद्दाख को शेष भारत से जोड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1को नियंत्रित करना चाहता था. लेकिन पाकिस्तानी सैनिकों के मंसूबे को भारतीय जांबाज सैनिकों ने कभी कामयाब नहीं होने दिया.
मौके पर संरक्षक रामाकांत मेहता ने कहा कि कारगिल विजय दिवस हम सबके लिए प्रेरणा का दिन है और उन वीर सपूतों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करने का दिन है जिनके चलते आज हम अपने देश में स्वच्छ और निश्चिंत होकर निवास कर पा रहे हैं. विशिष्ट अतिथि के तौर पर भूतपूर्व सैनिक बृजेश शुक्ला ने भी बातों को रखा. मौके पर मुकेश अग्रवाल, आफताब आलम शहीद कई लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये. पुलिस लाइन स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों से आए हुए शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया. वैसे शिक्षक जिन्होंने अपने विद्यालय में शिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया हैं उन्हें एसोसिएशन के तरफ से मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. पलामू के वीर शहीद जवान युगंबर दीक्षित के पुत्र युद्ध जीत दीक्षित को भी सम्मानित किया गया.
सम्मानित होने वाले शिक्षकों में कैंब्रिज पब्लिक स्कूल से सतीश कुमार एवं प्रिया रंजनी, सेंट पॉल एकेडमी रेहला से साइमन मैथ्यू एश्ले, स्ला पब्लिक स्कूल से सुनील सर एवं आलोक सर, ओरिएंट पब्लिक स्कूल के उज्जवल सर एवं शशि सर, संत मरियम पब्लिक स्कूल के दीप्ति मैम एवं प्रीति मैम आदि लोगों को भी सम्मानित किया गया. कार्यक्रम स्थल पर द कराटे एकेडमी के विद्यार्थियों ने भी एक से बढ़कर एक कला का प्रदर्शन किया. मौके पर कई भूतपूर्व सैनिक सहित, विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक पूनम तिवारी, रीता सिन्हा, प्रिया रंजनी कुमारी, काजल कुमारी, अर्चना पांडेय, अनु दूबे, प्रिया दूबे, सिमरन कौर, सतीश कुमार, रोहित कुमार, पूजा गुप्ता, आकाश कुमार, स्नेह सुरभि, साक्षी पांडेय, निभा कुमारी, स्वर्णा तिवारी सहित हजारों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.