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रांची/डेस्क: झारखंड में अब कारखानों में महिला श्रमिक भी नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड कारखाना संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब यह कानून बन गया हैं. इस नए कानून के लागू होने से राज्य में औद्योगीकरण और रोजगार के अवसरों में तेजी आने की उम्मीद हैं. अभी तक, राज्य में 1948 का पुराना कारखाना अधिनियम लागू था, जिसके तहत महिलाओं को रात 7 बजे से सुबह 6 बजे तक कारखानों में काम करने की अनुमति नहीं थी. लेकिन इस नए संशोधन के बाद महिलाएं अब इस समय सीमा में भी काम कर पाएंगी.
क्या है नए कानून के मुख्य प्रावधान?
सहमति की अनिवार्यता: कारखानों के प्रबंधन को नाइट शिफ्ट में काम कराने के लिए महिला श्रमिकों की सहमति लेनी होगी.
सुरक्षा और सुविधा: प्रबंधन को महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए उचित व्यवस्था करनी होगी. इसमें पर्याप्त सुरक्षा उपाय, परिवहन की व्यवस्था और अन्य जरूरी सुविधाएं शामिल होगी.
समान अवसर: इस विधेयक का उद्देश्य महिला और पुरुष श्रमिकों को जीवनयापन के लिए समान अवसर प्रदान करना हैं.
औद्योगिक विकास: माना जा रहा है कि इस बदलाव से राज्य में औद्योगिक उत्पादन बढ़ेगा और कारखानों को अपने उत्पादन लक्ष्य हासिल करने में आसानी होगी.
मध्य प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे कई अन्य राज्यों में पहले से ही यह व्यवस्था लागू हैं.