प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के चानो ओवरब्रिज के समीप सात महीने के भीतर एक ही स्पॉट पर एक जैसी सड़क हादसे की पुनरावृत्ति हुई हैं. उसी स्पॉट पर अज्ञात वाहन ने एक बाइक सवार को कुचल दिया, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. मृतक की पहचान बाबू गांव निवासी मो. मोइनुद्दीन पिता मो. सोहरत के रूप में हुई हैं. बताया जाता है कि उस स्थल पर सड़क सपाट होने की वजह उंची नीची है, जिस कारण सात माह पहले दीपक कुमार नामक युवक के उसी स्थल पर गिरने और माथे पर वाहन का चक्का चढ़ जाने के कारण मौत हो गयी थी. ठीक इसी तरह की घटना भी घट गई.
एनएचएआई की लापरवाही है कि बार बार आवाज उठाने के बाद भी सड़क को वैसा ही छोड़ रखा गया हैं. हादसे के बाद घटनास्थल पर पहुंची मुफस्सिल थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजवा दिया. मृतक के पॉकेट से बरामद मोबाइल के आधार पर उसके घर वालों को फोन कर घटना की जानकारी दी गई. परिजन अस्पताल पहुंचकर हंगामा करने लगे और पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया. साथ ही सरकारी एंबुलेंस का भी शीशा तोड़ दिया. इसके बाद एसडीपीओ सदर कुमार शिव शिवाशीस, सीसीआर डीएसपी मनोज कुमार सिंह, सीओ मयंक भूषण, मुफस्सिल थाना प्रभारी कुणाल किशोर, सदर थाना प्रभारी सपन कुमार महथा अस्पताल पहुंचे और मामले को शांत कराया. सरकारी एंबुलेंस में तोड़ फोड़ करने पर करने के मामले में संचालक नीरज पासवान ने सदर थाना में लिखित आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की हैं. यह एंबुलेंस मुर्दा कल्याण समिति के संचालक नीरज पासवान को स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा दिया गया था. बता दें कि 7 महीने पहले फरवरी माह में दीपक कुमार नामक युवक की भी 10 चक्का ट्रक से कुचलना से मौत हो गई थी.
यह घटना भी उसी स्पॉट में हुआ था जिसमें मोइनुद्दीन की मौत हुई हैं. बताते हैं कि रांची रोड से जो बाईपास सिंघानी ओवर ब्रिज होकर जाता है उसकी सड़क के हालात बहुत खराब है जो काईओ की जान ले चुका हैं. झारखंड प्रदेश कांग्रेस के महासचिव विनोद कुशवाहा के परम मित्र मोइन उद्दीन का एक दुखद सड़क दुर्घटना में निधन हो गया हैं. इस घटना ने न केवल उनके परिवार को शोक में डाल दिया है, बल्कि उनके आर्थिक स्थिति को भी गहरे संकट में डाल दिया हैं. विनोद कुशवाहा ने इस दुखद घटना के पश्चात उपायुक्त से मृतक के परिवार के लिए राहत की मांग की हैं. उन्होंने कहा है कि मृतक के परिवार को एक सरकारी नौकरी और 20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए, ताकि उनके बच्चे भुखमरी के कगार पर न पहुंचें.