न्यूज11 भारत
रांची/डेस्क: नवरात्र का पर्व मां आदिशक्ति दुर्गा को समर्पित है. नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा को अलग-अलग स्वरूपों की जाती है. आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है. शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. चैत्र शुक्ल द्वितीया तिथि को मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस बार नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू हुई और 24 अक्टूबर, 2023 को समाप्त होगी.
नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की होती है पूजा
नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है. मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने वाले भक्तों को शांति और आनंद का आशीर्वाद मिलता है. और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. मां ब्रह्मचारिणी के पूजन से भगवान शिव भी प्रसन्न होते है. श्वेत वस्त्र धारण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी एक हाथ में जप माला और दूसरे में कमंडल धारण करती हैं.
मां ब्रह्मचारिणी प्रेम, निष्ठा, बुद्धि और ज्ञान की प्रतीक हैं. भक्त नवरात्रि त्योहार के दूसरे दिन का जश्न मनाने की शुरुआत करते हैं, उन्हें मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति पर चमेली के फूल चढ़ाने चाहिए क्योंकि यह उनका पसंदीदा फूल है.
शुभ मुहूर्त
द्रिक पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि 3 सितंबर को तड़के 08 बजकर 27 मिनट से 2 सितंबर की सुबह 28 बजकर 28 मिनट तक रहेगी।
नवरात्रि के दूसरे दिन पूजा के लिए दो शुभ मुहूर्त होगें. सुबह 10 बजकर 17 मिनट से सुबह 11 बजे से लेकर 58 बजे तक अमृत काल रहेगा. फिर सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजे 29 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा.
पूजा विधि
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए भक्तों को जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. मां ब्रह्मचारिणी सफेद वस्त्र धारण करती हैं, इसलिए आप भी सफेद वस्त्र पहन सकते हैं. फिर उन्हें फूल, रोली, चंदन सहित सभी पूजा सामग्री लेनी चाहिए, और इसे मां ब्रह्मचारिणी अर्पित करना चाहिए. इसके बाद, भक्त देवी की पूजा करने के लिए मंत्रों का जाप कर सकते हैं. मां दुर्गा की विशेष आरती के साथ पूजा विधि का समापन किया जा सकता है.