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रांची/डेस्क: कांग्रेस सरकार के विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह का लंबे समय से बीमारी से जूझने के बाद निधन हो गया है. वे मूलतः भरतपुर (Bharatpur) जिले के जघीना गांव (Jagheena Rural) के निवाशी थे. इस खबर के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है. उनका अपने गांव के प्रति बहुत योगदान रहा है. उन्होंने न ही सड़क को बनवाया बल्कि 10वीं से 12वीं तक के पढ़ाई के लिए बिल्डिंग का भी निर्माण करवाया.
जघिना गांव के निवासी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि वे बहुत हसमुख और मिलनसार व्यक्ति थे. जबभी उनके पास अगर कोई व्यक्ति मदद के लिए आता था तो वो कभी निराश होकर नहीं जाता था. उन्हें अपने गांव से गाँव के लोगों से काफी लगाव था .
मौत के बाद की ख्वाहिशें:
लक्ष्मण सिंह ने बताया कि कुंवर नटवर सिंह की ख्वाहिश थी की उनके निधन के बाद गांव में स्मारक बनवाया जाए, जिसके लिए उन्होंने 6 बीघा जमीन भी खरीदी थी, वो पुस्तक पढ़ने के बहुत शौकीन थे, उनके निजी पुस्तकालय में दस हज़ार से भी ज्यादा पुस्तकें थी साथ ही वो दोनों हाथ से लिखने में बेहतरीन थे. उनको 14 भाषाएं का भी ज्ञान था.
नटवर सिंग के पुत्र भी है विधायक:
लक्ष्मण सिंह के भतीजे ने बताया कि पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह ने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम वन लाइफ इज नॉट इनफ': एन ऑटोबायोग्राफी' (One Life Is Not Enough: An Autobiography), जिसमें उन्होंने सन् 2004 में इंद्रा गांधी के प्रधानमंत्री के पद से इनकार करने की वजह बताई थी, एवं उनके और पीवी नरसिंह राव के रिश्तों के बारे में चर्चा भी किया था. साथ ही उन्होंने बताया कि कुंवर नटवर सिंग के पुत्र कुंवर जगत सिंह नदबई विधानसभा से विधायक हैं.
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