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रांची/डेस्क: गुरुवार दोपहर 12:30 बजे के लगभग अचानक जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटा.मचैल माता मंदिर के यात्रा मार्ग पर ये आपदा आई, जिसमें दो CISF जवानों समेत 45 लोगों की मौत हो गई. वहीं 70 से ज्यादा लोग लापता हैं. इस घटना के बाद अचानक बाढ़ आ गई और बड़े पैमाने पर तबाही मच गई. बता दें कि 100 से ज्यादा लोग गंभीर बताए जा रहे वहीं 37 की हालत गंभीर बनी हुई हैं. किश्तवाड़ के जिला अस्पताल में घायलों को भर्ती कराया गया हैं. करीब 70 से 80 लोगों का पड्डार के उप-जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं. जिला पुलिस प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा हैं.
मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में यह आपदा आई
इसके साथ ही बता दें कि मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में यह आपदा आई. हादसे के वक्त मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग इकठ्ठा हुए थे. 9500 फिट की ऊंचाई पर स्तिथ मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक ही मोटर वाहन से पहुंच सकते हैं. जिसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती हैं. अधिकारीयों ने बताया कि 38 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी हैं. मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक 100 लोगों को बचाया गया हैं. लगभग 200 लोग अभी बभी लापता हैं.
किश्तवाड़ शहर 90 किमी दूर है चशोती गांव
किश्तवाड़ शहर से करीब 90 किलोमीटर दूर है चशोती गांव. इस घटना में श्रधालुओं के लिए लगाया गया लंगर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ. अचानक बादल फटने की वजह से बाढ़ आ गया और दुकानों एवं एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गई. आपदा के तुरंत बाद बचाव दल को किश्तगढ़ के उपायुक्त पंकज कुमार ने रवाना किया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ व्यक्तिगत रूप से अभियान की निगरानी के लिए खुद भी घटनास्थल की ओर रवाना हुए. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने किश्तवाड़ के उपयुक्त पंकज कुमार शर्मा से इस संबंध में बात कर ली हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, चशोती क्षेत्र में बादल फटने की एक बड़ी घटना हुई है, जिससे भारी मात्रा में जनहानि होने की आशंका हैं. प्रशासन कार्यवाई में तुरंत जुट गया है और बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गया हैं.
मचैल माता मंदिर यात्रा रद्द कर दी गई
अधिकारीयों ने जानकारी दिया कि इस घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई हैं. प्राधिकारी सभी बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने और बड़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान के लिए घटनास्थल रवाना हो गए हैं. एनडीआरएफ की दो टीमें उधमपुर से किश्तगढ़ भेजे गए हैं. उपयुक्त ने जानकारी दी कि इलाके में बड़े पैमाने में बचाव अभियान शुरू कर दिया गया हैं. वे स्वयं भी मौके का जायजा लेने वहां पहुंच चुके हैं. अधिकारीयों ने जानकारी देते हुए बताया कि पहाड़ी की तलहटी में बसी घनी बस्ती में अचानक आई बाढ़ ने कई घरों को प्रभावित किया हैं.
Pm मोदी ने हर संभव मदद का भरोसा दिया
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बादल फटने की घटना पर दुःख व्यक्त किया. उन्होंने एक्स पर ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से प्रभावित सभी लोगों के साथ हैं. जरूरतमंद लोगों को हर संभव लोगों सहायता प्रदान की जाएगी. "इसके बाद उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरा संवेदनाएं और प्रार्थनाएं हैं. स्तिथि पर कड़ी नजर रखी जा रही हैं. राहत और बचाव अभियान जारी हैं."