न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को नई गति देने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. मोदी कैबिनेट ने एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) योजना को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर सृजित किए जाएं. योजना का मुख्य उद्देश्य रोजगार क्षमता बढ़ाना, पहली बार काम करने वालों को प्रोत्साहित करना और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाना है.
पहली बार नौकरी करने वालों को 15,000 रुपये तक की सब्सिडी
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस वार्ता में बताया कि योजना के तहत पहली बार नौकरी शुरू करने वाले युवाओं को दो किश्तों में अधिकतम 15,000 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. यह राशि कंपनियों को दी जाएगी ताकि वे नए कर्मचारियों को नौकरी पर रखने के लिए प्रोत्साहित हों. पहली किश्त 6 महीने और दूसरी 12 महीने की सेवा पूरी होने पर दी जाएगी.
सतत रोजगार के लिए हर महीने 3,000 रुपये की सहायता
इसके अलावा जो कंपनियां कर्मचारियों को दो साल तक स्थायी रूप से रोजगार देती हैं, उन्हें प्रत्येक कर्मचारी पर प्रति माह 3,000 रुपये तक का समर्थन मिलेगा. इस प्रावधान का उद्देश्य दीर्घकालिक और स्थिर रोजगार को बढ़ावा देना है.
विनिर्माण क्षेत्र रहेगा फोकस में
इस योजना का प्रमुख फोकस विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र पर रहेगा. सरकार का मानना है कि इस क्षेत्र में व्यापक रोजगार की संभावनाएं हैं और इसे प्रोत्साहन देने से देश में उत्पादन और रोजगार दोनों में तेजी आएगी.
एक लाख करोड़ रुपये का होगा व्यय
मंत्री वैष्णव ने बताया कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार दो वर्षों में कुल एक लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी. योजना को व्यापक विचार-विमर्श और हितधारकों से चर्चा के बाद अंतिम रूप दिया गया है. इसका औपचारिक ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2025-26 के बजट भाषण के दौरान किया गया था.