संतोष श्रीवास्तव /न्यूज़ 11भारत
पांकी /डेस्क: झारखंड के पलामू जिले के पांकी में एक बार फिर एक फर्जी नर्सिंग होम की कथित लापरवाही ने मां और बच्चे दोनों की जान ले ली. पांकी के डॉ. किरण सिंह नर्सिंग होम में प्रसव के बाद जच्चा (मां) और बच्चा दोनों की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर घोर लापरवाही और ऑपरेशन करने वाले कर्मियों पर नशे में होने का गंभीर आरोप लगाया है. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और नर्सिंग होम के संचालक को हिरासत में लेकर थाने ले गई.
आखिर कब तक फर्जी नर्सिंग होम लेंगे मासूमों की जान?
यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि आखिर कब तक फर्जी नर्सिंग होम में हो रहे अवैध ऑपरेशनों से मासूम जिंदगियां यूं ही गंवाई जाती रहेंगी? पांकी में यह कोई पहली घटना नहीं है, जब इस तरह की मेडिकल लापरवाही से मौतें हुई हैं.
सिविल सर्जन ने दिए जांच के आदेश, फर्जीवाड़े का खुलासा
पलामू के सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार ने घटना की जानकारी मिलने के बाद तुरंत मौके पर पहुंचकर मामले की गंभीरता से जांच की. उन्होंने मीडिया को बताया कि सुबह उन्हें मीडिया के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिली थी, जिसके बाद वह तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे और वहां के एमओआईसी (Medical Officer In-Charge) को मामले की जांच करने का निर्देश दिया. उनके पहुंचने से पहले ही पुलिस ने कथित दोषियों को हिरासत में ले लिया था.
सिविल सर्जन के अनुसार, प्रथम दृष्ट्या जांच में पता चला है कि डॉ. किरण सिंह नर्सिंग होम रजिस्टर्ड था और उसका रजिस्ट्रेशन फोटोकॉपी भी उपलब्ध था. हालांकि, जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
डाल्टनगंज से अल्ट्रासाउंड कराकर आई थी मृतिका, बच्चे की थी 'इंट्रा यूटेराइन डेथ'
मृतिका महिला की पहचान ममता देवी के रूप में हुई है. सिविल सर्जन ने बताया कि ममता देवी डाल्टनगंज से अल्ट्रासाउंड कराकर आई थीं, जिसमें बच्चे की 'इंट्रा यूटेराइन डेथ' (गर्भ के अंदर ही बच्चे की मौत) की पुष्टि हुई थी. उन्हें सलाह दी गई थी कि बच्चे को निकालने के लिए अच्छे जगह जाकर ऑपरेशन कराना होगा, क्योंकि बच्चा गर्भ में मृत हुए दो-तीन दिन हो चुके थे.
सीएसडी को दरकिनार कर फर्जी नर्सिंग होम पहुंची महिला
इसके बावजूद, परिजन पांकी स्थित सरकारी सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) नहीं गए और उसे दरकिनार करते हुए सीधे डॉ. किरण सिंह नर्सिंग होम पहुंचे, जहां उन्होंने ऑपरेशन करवाया. ऑपरेशन के बाद मृत बच्चे को तो निकाल लिया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश, रात लगभग 2:00 बजे के आसपास ममता देवी की भी मृत्यु हो गई.
फर्जी डॉक्टर ने किया ऑपरेशन, पति-पत्नी मिलकर चला रहे थे 'अवैध धंधा'
सिविल सर्जन ने बताया कि ऑपरेशन कथित तौर पर डॉ. अभिषेक कुमार नामक व्यक्ति ने किया था. हालांकि, जांच में पता चला कि अभिषेक कुमार तो पटना में रहते हैं. जब अस्पताल की महिला कर्मचारी से पूछा गया कि पटना से कोई ऑपरेशन करने आया था, तो उसने इनकार कर दिया. इसके बाद यह खुलासा हुआ कि ऑपरेशन डॉ. किरण सिंह और उनके पति अखिलेश यादव ने मिलकर किया था. सिविल सर्जन ने स्पष्ट किया कि ये दोनों पति-पत्नी ऑपरेशन करने के लिए क्वालिफाइड नहीं हैं.
कड़ी कार्रवाई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने का संकल्प
सिविल सर्जन ने बताया कि अब डॉ. पांकी में संबंधित अधिकारियों से क्रॉस वेरिफिकेशन किया जाएगा कि डॉ. किरण सिंह नर्सिंग होम को खोलने के लिए उन्होंने अपना सर्टिफिकेट दिया था या इसे अवैध रूप से खोला गया था. पटना वाले डॉक्टर अभिषेक कुमार से भी पूछताछ की जाएगी कि क्या वह ऑपरेशन करने आए थे या नहीं.
डॉ. अनिल कुमार ने जोर देकर कहा कि इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न घटें, इसके लिए उनकी पूरी टीम प्रयासरत रहेगी. यह घटना एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए फर्जी नर्सिंग होम पर नकेल कसने की चुनौती पेश करती है.