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रांची/डेस्क: प्यार में लोग क्या-क्या नहीं करते, लेकिन अमेरिका में एक डॉक्टर ने जो किया, वह शायद इतिहास में सबसे अजीब और सनसनीखेज प्रेम कहानियों में से एक बन गया. यह कहानी है एकतरफा, जुनूनी और मौत को मात देने की कोशिश करने वाले उस प्रेमी की, जिसने अपनी प्रेमिका की लाश के साथ सात साल तक एक ही बिस्तर में जिंदगी बिताई.
यह कहानी है कार्ल टैंज्लर की, जो साल 1931 में फ्लोरिडा के एक अस्पताल में रेडियोलॉजिक टेक्नीशियन के तौर पर काम करता था. यहीं उसकी मुलाकात 22 साल की एलेना डी होयोस से हुई, जिसे टीबी हो गई थी. इलाज के दौरान टैंज्लर को एलेना से प्यार हो गया. उसने दावा किया कि बचपन में एक सपना देखा था, जिसमें एक काले बालों वाली लड़की उसकी सच्ची प्रेमिका बनती है और वही एलेना हैं. टैंज्लर ने एलेना को बचाने के लिए अजीब-अजीब इलाज किए, घरेलू नुस्खों से लेकर इलेक्ट्रिक डिवाइसेज़ तक सब कुछ आजमाया. लेकिन एलेना ने कभी उसे अपनाया नहीं. आखिरकार 25 अक्टूबर 1931 को एलेना की मौत हो गई.
शुरू हुई अमर प्रेम कहानी..
यहां से शुरू होती है प्यार की सबसे डरावनी और सनसनीखेज दास्तान. टैंज्लर ने एलेना के अंतिम संस्कार का खर्च उठाया और खुद के खर्चे पर एक शानदार मकबरा बनवाया, जिसकी चाबी सिर्फ उसी के पास थी. वह रोज उसकी कब्र पर जाता, फूल चढ़ाता, बातें करता और यहां तक कि कब्र में एक टेलीफोन भी लगवा दिया ताकि वह ‘उसकी आत्मा’ से बात कर सके.
लेकिन दो साल बाद उसने जो किया, उसने दुनिया को हिला कर रख दिया. 1933 में टैंज्लर चुपचाप एलेना की लाश को मकबरे से निकाल लाया और अपने घर में रख लिया. उसने लाश को इस तरह संरक्षित किया कि वह एक बार फिर 'जिंदा' दिखे. हड्डियों को तार और कोट हैंगर से जोड़ा, चेहरे को मोम और प्लास्टर से फिर से बनाया, कांच की आंखें लगाईं और असली बालों से विग बनाकर उसे सजाया.. लाश को कपड़े पहनाए, जेवर पहनाए और अपने साथ बिस्तर पर सुला लिया.
सात साल तक वह लाश के साथ एक आम पति-पत्नी की तरह रहता
1940 में एलेना की बहन को शक हुआ और जब वह टैंज्लर के घर पहुंची, तो नजारा देखकर उसके होश उड़ गए. सजी-धजी एलेना की लाश टैंज्लर के बिस्तर पर पड़ी थी.पुलिस ने टैंज्लर को गिरफ्तार किया, लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि ‘स्टेच्यूट ऑफ लिमिटेशन’ के कारण उस पर कोई मुकदमा नहीं चल पाया और तो और उस दौर की अमेरिकी जनता ने टैंज्लर को एक सच्चा प्रेमी करार दिया. अखबारों में उसे “ट्रेजेडी का प्रेमी” कहा गया और एक बार एलेना के शव को फ्यूनरल होम में जनता के दर्शन के लिए रखा गया, जिसे देखने 6,000 लोग पहुंचे. बाद में एलेना को गुप्त स्थान पर दफनाया गया, ताकि कोई फिर से उसकी लाश को न छेड़े. 1952 में कार्ल टैंज्लर की भी मौत हो गई. लेकिन आखिरी वक्त तक वह अकेला नहीं था. उसके पास एलेना जैसी दिखने वाली एक गुड़िया थी, जो उसके साथ रहती थी शायद उसकी ‘अमर प्रेमिका’ के रूप में.