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रांची/डेस्क: सिख धर्म का प्रमुख धार्मिक स्थल, अमृतसर में स्थित श्री अकाल तख्त, ने बुधवार को यानी कल पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस को श्री गुरु तेग बहादुर के 350वें शहादत दिवस के अवसर पर श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में नाच-गान करने के लिए धार्मिक दंड सुनाया गया. बैंस ने इस अवसर पर प्रसिद्ध गोल्डन टेम्पल में अकाल तख्त साहिब के समक्ष उपस्थित होकर सिख धर्मगुरुओं से निर्देश प्राप्त किए. उन्हें जम्मू-कश्मीर में हुए कार्यक्रम के बाद सड़कों की मरम्मत और सफाई करने का कार्य करने के लिए कहा गया, जो कि धार्मिक सजा के रूप में ऐसा पहली बार लागू किया गया है. आमतौर पर, ऐसी सजाएं गुरुद्वारों में सेवा करने से संबंधित होती हैं.
बता दें कि बैंस को सिख भावनाओं को 'आहत' करने के आरोप में श्री आनंदपुर साहिब के 'जोड़ा घर' में जूते साफ करने की दो-दिवसीय 'सेवा' सहित अन्य कार्य करने के लिए कहा गया है. यह कार्रवाई पंजाब भाषा विभाग द्वारा 9वें सिख गुरु के शहादत दिवस से संबंधित श्रीनगर में आयोजित एक 'विवादास्पद कार्यक्रम' के बाद की गई, जिसके चलते बैंस को अमृतसर में पांच 'सिंह साहिबानों' के समक्ष पेश होना पड़ा.
बैंस के समक्ष पांचों 'सिंह साहिबानों' के सामने पेश होने के बाद, अकाल तख्त के जत्थेदार ने उनसे पूछा कि क्या वे अपनी गलती स्वीकार करते हैं, जिस पर उन्होंने 'हां' कहा. बताते चले कि 24 जुलाई को श्रीनगर के टैगोर हॉल में आयोजित कार्यक्रम की कड़ी निंदा की गई, जो पंजाब सरकार के भाषा विभाग द्वारा गुरु तेग बहादुर के शहादत दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था.
इस कार्यक्रम में डांस और म्यूजिक का आयोजन किया गया, जिससे सिख समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची. बैंस ने पहले ही कहा था कि वे अकाल तख्त के समक्ष पेश होंगे और अपनी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए सभी आदेशों का पालन करने के लिए तैयार हैं.