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रांची/डेस्क: झारखंड में करोड़ों रुपये के शराब घोटाले में गिरफ्तार निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे को अब जमानत मिल सकती हैं. एसीबी उसकी गिरफ्तारी के 90 दिन बाद भी उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं कर पाई. आरोपियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की मंजूरी नहीं मिलने के कारण एसीबी ने कल सोमवार 18 अगस्त को अदालत में चार्जशीट दायर नहीं की.
जानकारी के मुताबिक, एसीबी ने विनय चौबे के साथ-साथ जेएसबीसीएल के पूर्व वित्त महाप्रबंधक सुधीर कुमार और सुधीर कुमार दास के खिलाफ भी अभियोजन स्वीकृति मांगी थी, लेकिन सोमवार तक यह नहीं मिल पाई. सूत्रों के मुताबिक, एसीबी अब कोर्ट को इसकी जानकारी देगी. साथ ही जांच पूरी न होने को भी चार्जशीट दाखिल न करने का एक कारण बताया गया हैं. विनय चौबे को 20 मई को एसीबी ने गिरफ्तार किया था और 18 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी के 91 दिन पूरे हो गए. कानून के अनुसार, जिन मामलों में 10 साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है, उनमें जांच एजेंसी को 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी होती हैं. शराब घोटाले में भी यही नियम लागू होता हैं. एक दिन की भी देरी होने पर आरोपी डिफॉल्ट जमानत का हकदार हो जाता हैं.
शराब घोटाले में विनय कुमार चौबे समेत कुल 10 आरोपी जेल में हैं. इनमें से उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह को पहले ही जमानत मिल चुकी हैं. अब केवल विनय चौबे ही डिफॉल्ट जमानत के पात्र है, हालांकि वह हजारीबाग से जुड़े एक अन्य जमीन घोटाले में भी आरोपी हैं.अगर आज भी चार्जशीट दाखिल नहीं होती है तो 21 मई को गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपी भी डिफॉल्ट जमानत के पात्र हो जाएंगे.