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देश-विदेश


'उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा बाहर' PM मोदी ने CM पुष्कर से की बात

CM पुष्कर ने कहा- टनल में फंसे मजदूरों को भेजा जा रहा पानी, भोजन और ऑक्सीजन, सभी हैं सुरक्षित
'उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल हादसे में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा बाहर'  PM मोदी ने CM पुष्कर से की बात
न्यूज11 भारत

रांची/डेस्कः उत्तराखंड में उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की कवायद तेज कर दी गई है. बता दें, आज रेस्क्यू ऑपरेशन का 9वां दिन है. मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का जिम्मा 5 एजेंसियों के पास है. इन एजेंसियों ने 5 प्लान बनाए हैं. शुक्रवार (17 नवंबर) को रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया था जिसे फिर से 18 नवंबर यानी शनिवार को चालू किया गया है. शुक्रवार देर रात एनएचआईडीसीएल की ओर से एक बयान जारी किया गया था जिसमें बताया गया था कि 17 नवंबर दोपहर करीब 2:45 बजे, पांचवें पाइप को फिट करने के दौरान सुरंग में जोरदार दरार की आवाज सुनी गई थी जिसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को रोका गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेस्क्यू टीम अब तक ध्वस्त हुए सुरंग से केवल 24 मीटर मलबा बाहर निकाल पाई हैं.  


PM मोदी ने कहा- फंसे मजदूरों को निकाल लिया जाएगा सुरक्षित बाहर

शनिवार से फिर से निर्माणाधीन सुरंग में फंसे हुए 41 मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इसी बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की है. साथ ही पीएम ने कहा है कि केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर आपसी समन्वय से टनल में फंसे सभी मजदूरों को बाहर सुरक्षित निकाल लिया जाएगा. इसके साथ ही उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से पीएम मोदी ने टनल में फंसे सभी मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जारी राहत और बचाव अभियान से संबंधित जानकारियां ली.  



 

मजदूरों को भेजा जा रहा भोजन, पानी और ऑक्सीजन- सीएम धामी

वहीं मजदूरों के बचाव के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी पीएम नरेंद्र मोदी को देते हुए सीएम पुष्कर ने बताया कि कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां परस्पर समन्वय और तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं. उन्होंने बताया कि टनल में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित है उन्हें पौष्टिक भोजन, पानी और ऑक्सीजन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. आपको बता दें, सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूरों की स्थिति को जानने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से अबतक तीन बार फोन पर बात कर ली है.  


रविवार को टनल पर पहुंचे थे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

आपको बता दें, इससे पहले रविवार (19 नवंबर) को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी उत्तरकाशी के किल्यारा टनल पहुंचे थे जहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि 'हम सफल होंगे. इस हादसे को लेकर पीएम मोदी ने भी चिंता जाहिर की है. राज्य सरकार भी हमारी मदद कर रही है. इसके साथ ही भारत सरकार की कई एजेंसियां भी टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे रेसक्यू ऑपरेशन में जुटी हैं. इसमें निजी एजेंसियों को भी शामिल किया गया हैं. साथ ही अमेरिकी सुरंग विशेषज्ञों से भी संपर्क किया गया है. हमारी पहली प्राथमिकता टनल में फंसे सभी मजदूरों की जान बचाना है. काम युद्धस्तर पर चल रहा है. मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हम 6 इंच के पाइप के माध्यम से मजदूरों के पास ज्यादा खाना, पानी और ऑक्सीजन भेजने की कोशिश कर रहे हैं. अबतक 42 मीटर का काम हो चुका है और जल्द ही उन तक पहुंच जाएगा. उन्होंने बताया कि अभीतक सिर्फ काजू, पिस्ता और मेवे ही भेजे जा रहे हैं. 6 इंच पाइप के माध्यम से रोटी सब्जी और अन्य खाद्य पदार्थों को भी अब हम भेज सकते हैं.'

 


 


रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बनाए गए 5 प्लान

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए जो 5 प्लान बना लिए गए हैं जिसकी जिम्मेदारी एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड), एसजेवीएनएल (सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड), ओएनजीसी (तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम), टीएचडीसी और आरवीएनएल को दी गई है. इसके अलावा बीआरओ और भारतीय सेना की निर्माण शाखा भी बचाव अभियान में सहायता कर रही है. 

 



कैसे हुआ सिल्क्यारा सुरंग में यह बड़ा हादसा

दरअसल, उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चारधाम ‘ऑल वेदर सड़क' (हर मौसम में आवाजाही के लिए खुली रहने वाली सड़क) परियोजना का हिस्सा है. आपको बता दें, उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच सुरंग बनाने का काम किया जा रहा था इस बीच सुरंग का करीब 50 मीटर से अधिक का एक हिस्सा रविवार (12 नवंबर) की सुबह ढह गया था, जिसमें सुरंग के अंदर काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए. सुरंग की कुल लंबाई 4.5 किलोमीटर तक की है. जिसमें अबतक सिल्क्यारा के छोर से 2,340 मीटर और डंडालगांव की तरफ से 1,750 मीटर तक निर्माण कर लिया गया है. वहीं टनल के दोनों किनारों के बीच करीब 441 मीटर की दूरी का निर्माण कार्य होना था वहां मौजूद अधिकारियों ने बताया है कि यह सुरंग हादसा सिल्क्यारा की ओर से धंस गई है. वहीं टनल का जो हिस्सा धंसा है वह एंट्री गेट से करीब 200 मीटर की दूरी पर है. 

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