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रांची/डेस्कः झारखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में गैर मजरुआ खास भूमि की रजिस्ट्री पर लगी रोक को हटा दिया है. अदालत ने अपने आदेश में राजस्व निबंधन और भूमि सुधार विभाग की उस अधिसूचना को निरस्त कर दिया, जिसमें गैर मजरुआ खास भूमि के निबंधन पर प्रतिबंध लगाया गया था.
विभाग के निर्देश के बाद, राज्य के कई रैयत परेशान हो गए हैं, जिनकी भूमि गैर मजरुआ खास श्रेणी में आती है. वर्तमान में, गैर मजरुआ खास भूमि की खरीद-बिक्री और रजिस्ट्री के लिए कई जटिल प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है. हालांकि, उच्च न्यायालय के हालिया आदेश से अब गैर मजरुआ खास खाते की रजिस्ट्री में कुछ राहत मिलने की संभावना है.
झारखंड में एक आदेश के तहत केसर ए हिंद भूमि, गैर मजरुआ आम भूमि, वनभूमि, जंगल और अन्य विभागों के लिए अर्जित सरकारी भूमि के साथ-साथ गैर मजरुआ खास नेचर की जमीन की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इस आदेश के खिलाफ 2018 में छोटानागपुर डाइसिस ट्रस्ट एसोसिएशन सहित कई अन्य व्यक्तियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.