शयामानंद सिंह/न्यूज़11 भारत
भागलपुर/डेस्क: बिहार की कानून व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है. जेडीयू के तेजतर्रार विधायक गोपालपुर से विधायक गोपाल मंडल ने राजधानी पटना में हुए कारोबारी गोपाल खेमका हत्याकांड पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि "हत्या अब आम बात हो चुकी है, यह कभी नहीं रुकेगा." उन्होंने साफ तौर पर बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब पुलिस 'थेथर' हो गई है, उसमें अनुशासन की भारी कमी आ गई है. गोपाल मंडल ने कहा कि भाई ही भाई की हत्या कर दे रहा है, तो सरकार क्या कर सकती है? पुलिस और कानून अपना-अपना काम कर रहे हैं, लेकिन अपराधी बेखौफ होते जा रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधे तौर पर कटघरे में खड़ा नहीं किया, लेकिन यह जरूर कहा कि "सीएम नीतीश कुमार कहां-कहां जाएंगे? हर जगह वह नहीं पहुंच सकते."
पुलिस पर साधा निशाना
गोपाल मंडल ने बिहार पुलिस की कार्यशैली को लेकर कहा कि पहले के समय में पुलिसकर्मियों में डर था. "अगर कोई अधिकारी ठीक से काम नहीं करता था तो उसे तुरंत सस्पेंड या ट्रांसफर कर दिया जाता था. अब वह डर खत्म हो गया है, इसलिए पुलिसकर्मी मनमानी करने लगे हैं." उन्होंने कहा कि विभाग में अब 'थेथरई' हावी हो गई है.
नीतीश सरकार को किया याद
हालांकि विधायक ने नीतीश कुमार के नेतृत्व की सराहना भी की और कहा कि "बिहार को 10 सालों तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेहतर ढंग से चलाया. उस दौर में कानून का राज था और लोगों में सरकार का डर था." उन्होंने कहा कि आज भी स्थिति 2005 से पहले जैसी नहीं है, लेकिन अब सुधार की जरूरत है 2005 से पहले की स्थिति से की तुलना.
विधायक ने कहा कि बिहार की स्थिति एक समय इतनी खराब थी कि IAS अफसरों तक का पलायन हो जाता था. उन्होंने कहा कि "उस समय अफसरों की पत्नियों के साथ गैंगरेप होते थे, कारोबारी राज्य छोड़कर जाना चाहते थे. लेकिन नीतीश कुमार के सीएम बनने के बाद काफी कुछ बदला अब फिर से उसी ओर बिहार न लौट जाए. इस पर सरकार को गंभीरता से सोचना होगा विपक्ष पर हमला.
गोपाल मंडल ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि "विपक्ष सिर्फ बोलता है, लेकिन समाधान नहीं देता. हम सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि व्यवस्था की खामियों के खिलाफ बोलते हैं." उन्होंने कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कानून-व्यवस्था पर खुलकर बात करेंगे गोपाल मंडल का यह बयान साफ करता है कि बिहार में लगातार हो रहे अपराधों को लेकर सत्ता पक्ष के भीतर भी बेचैनी है. हालांकि उन्होंने मुख्यमंत्री की नीयत और प्रशासनिक योग्यता पर भरोसा जताया, लेकिन पुलिस की कार्यशैली को लेकर उनकी नाराजगी स्पष्ट है. अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस नाराजगी को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या कोई ठोस कदम उठाते हैं या नहीं.