मिथलेश कुमार/न्यूज़11 भारत
बोकारो/डेस्क: अनुमंडल तेनुघाट उपकारा (जेल) में रविवार 20 जुलाई को जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर एवं मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया. उक्त शिविर में मुख्य अतिथि व्यवहार न्यायालय तेनुघाट के एसीजेएम मनोज कुमार प्रजापति ने बंदियों को कानूनी जानकारियां देते हुए बंदियों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न विधिक सहायता के बारे में बताते हुए कहा कि नालसा नई दिल्ली एवं झालसा रांची द्वारा जेल में बंद बंदियों के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर चलाए जा रहे हैं. जिनके माध्यम से उन बंदियों को उचित विधिक सहायता प्रदान की जाती है. उन्होंने बताया कि इसी के तहत प्रत्येक महीने जेल अदालत एवं बंदियों के लिए मेडिकल कैंप का आयोजन किया जाता है. शिविर में पैनल अधिवक्ता सुजीत कुमार जायसवाल ने दहेज अधिनियम के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि दहेज लेना और देना दोनो अपराध है. इसलिए हमें अपराध से बचने की जरूरत है.
स्वागत भाषण में जेलर नीरज कुमार ने बताया कि जेल में बंदियों को जेल अधिनियम के तहत सारी अहर्ताएं पूरी की जाती है. मंच संचालन और धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने किया. उन्होंने बताया कि वैसे बंदी जो स्वयं के खर्च पर अपना अधिवक्ता रख पाने में असमर्थ हैं, उनके लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर लीगल एड डिफेंस काउंसिल के तहत अधिवक्ताओं की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो उन बंदियों के केस में संबंधित न्यायालय में निरंतर पैरवी करते हैं. एसीजेएम मनोज कुमार प्रजापति ने बंदियों से उनके समस्याओं के बारे में पूछा और उसके निराकरण के लिए हर संभव प्रयास करने की बातें कही. उक्त जानकारी बेरमो अनुमंडल विधिक सेवा प्राधिकार समिति के सचिव सह व्यवहार न्यायालय तेनुघाट के एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल ने देते हुए बताया कि सर्वोच्च न्यायालय एव झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर तेनुघाट जेल में जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित किया गया. उन्होंने बताया कि शिविर में किसी भी जेल बंदी द्वारा आवेदन नहीं दिया गया था, इसलिए किसी भी बंदी की रिहाई नहीं की गयी. इस अवसर पर जेल में लगे मेडिकल कैंप में बंदियों की स्वास्थ्य जांच की गयी. मेडिकल कैंप में जांच अनुमंडलीय अस्पताल तेनुघाट के डॉक्टर शंभु कुमार, डेंटिस्ट पूजा कुमारी के साथ निवान कुमार, संजय कुमार एवं अनीता देवी द्वारा किया गया. वहीं शिविर में उपरोक्त के अलावा लिपिक इश्तियाक अंसारी, कंप्यूटर ऑपरेटर विजय कुमार, मदन प्रजापति, आकाश कुमार, सचिन कुमार सहित जेल पुलिस अधिकारी आदि भी मौजूद थे.