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रांची/डेस्क: भारत के Water Stike का असर पाकिस्तान पर दिखने लगा है. ऑपरेशन सिंदूर से पहले भारत ने पाकिस्तान को सिंधु जल समझौते को दरकिनार करते हुए पानी रोक दिया था. भले ही इस समय देश में मॉनसून शुरू हो चुका है, पाकिस्तान में मॉनसून पहुंच चुका है, लेकिन सिंधु नदी से पानी का प्रवाह रोक दिये जाने से सिंधु नदी में पानी 17 प्रतिशत कम नजर आ रहा है. बता दें कि सिंधु नदी का पानी पाकिस्तान की खेती और अर्थव्यवस्था के लिए काफी जरूरी है, लेकिन पड़ोसी देश की सरकार ही नहीं, वहां की जनता सिंधु के पानी के लिए तड़प रही है.
पाकिस्तान इस समय सिंधु नदी के पानी के लिए इसलिए छटपटा रहा है, क्योंकि यह समय खरीफ की फसलों के लिए होता है. भारत हो या पाकिस्तान, धान की खेती के लिए यह समय सबसे मुफीद होता है. मॉनसून की शुरुआत तो हो चुकी है. लेकिन सिंधु नदी को जोड़ने वाली नहरों से पानी नदारद हो चुका है. जल सिंधु नदी में पानी रहेगा तभी तो उसकी सहायक नहरों में पानी पहुंचेगा. जाहिर है अगर समय पर खरीफ की खेती नहीं हुई तो फसलें पैदा नहीं होंगी और इसकी सीधा असर पाकिस्तान पर पड़ेगा.
खैर, यह पाकिस्तान के हुक्मरानों की समस्या है. अभी तो सिंधु नदी में 17 प्रतिशत पानी घटना है, आगे यह स्थिति और भयावह होगी. खैर, यह तो पाकिस्तान को तय करना होगा कि उसे अपनी नदियों में, नदियों के सहारे उसके खेतों को पानी चाहिृए, देश की खुशहाली चाहिए या फिर आतंकवाद की फसले ही वहां लहलहाएंगी. इधर भारत ने भी अपना रुख कड़ा कर लिया है. वैसे भी पाकिस्तान के परमाणु बम से ज्यादा तबाही उसके देश में वॉटर बम ने मचा रखी है. पाकिस्तान की 90 प्रतिशत खेती का सिंधु नदी पर टिकी है. इसलिए हर दिन हर पाकिस्तानी के बेचैनी बढ़ती ही जा रही है.
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