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रांची/डेस्क: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ा राहत भरा कदम उठाया हैं. अब EPF सदस्यों को अपने अकाउंट से पूरा पैसा निकालने में आसानी होगी और इसके लिए किसी डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं होगी. यह फैसला सोमवार को हुई केंद्रीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की मीटिंग में लिया गया. केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस बदलाव की जानकारी साझा की.
मीटिंग में लिए गए अहम फैसले
EPFO ने पुराने 13 नियमों को खत्म कर अब केवल तीन कैटेगरी में पार्शियल विड्रॉल की सुविधा दी हैं. ये कैटेगरी हैं:
- आवश्यक जरूरतें – बीमारी और मेडिकल खर्च
- शिक्षा और शादी
- हाउसिंग और विशेष परिस्थितियां
- शिक्षा के लिए अब 10 बार और शादी के लिए 5 बार निकासी की अनुमति होगी
- मिनिमम सर्विस पीरियड 12 महीने कर दिया गया है
पैसा निकालने में आसानी
- पहले प्राकृतिक आपदा, बेरोजगारी या महामारी जैसी परिस्थितियों में निकासी के लिए कारण बताना जरूरी था। अब यह झंझट खत्म हो गया हैं.
- सदस्यों को विशेष परिस्थितियों में बिना कारण बताए निकासी की सुविधा मिलेगी.
- सदस्यों के खाते में हमेशा 25% मिनिमम बैलेंस रहेगा. इससे 8.25% ब्याज और कंपाउंड इंटरेस्ट का फायदा जारी रहेगा.
- अब किसी डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं होगी, निकासी प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटिक होगी.
- फाइनल सेटलमेंट की अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने, और पेंशन निकासी की अवधि को 36 महीने कर दिया गया हैं.
- मनसुख मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में EPF सदस्यों के लिए जीवन को आसान और नियोक्ताओं के लिए कारोबार को सुगम बनाने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा हैं.
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