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रांची/डेस्कः- विपक्षी दल ने भी अपनी ओर से उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मदीवार की घोषणा कर दी है. उम्मीदवार के रुप में INDIA ब्लॉक ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के पुर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा किया है. मल्लिकार्जुन खरगे ने रेड्डी को भारत का भारत के सबसे प्रतिष्ठित व प्रगतिशील न्यायविद बताते हुए उनके लंबे प्रभावी कानूनी करियर की सराहना भी की.
आखिर कौन हैं बी. सुदर्शन रेड्डी?
बी सुदर्शन रेड्डी एक अनुभवी व सम्मानित न्यायविदों में से है. इन्होने भारतीय न्यायपालिका में एक बड़ी भुमिका निभाई है. रेड्डी ने अपने करियर की शुरुआत आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में न्यायधीश के रुप में की थी. बाद में गुवाहाटी न्यायधीश के रुप में काम किया. फिर भारत के चीफ जस्टिस के रुप में उल्लेखनीय कार्य भी किया. रेड्डी 8 जुलाई 2011 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए, अपने कार्यकाल के दौरान रेड्डी ने कई महत्वपुर्ण फैसले भी दिए. जो कि सामाजिक आर्थिक व राजनैतिक मुल्यों पर आधारित थे.
गरीबों और संविधान के संरक्षक
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने कहा रेड्डी एक बड़ा साधारण परिवार से आते हैं, उनके कई फैसले इस बात का प्रमाण है कि उसने गरीबों व वंचितों के पक्ष में कई काम किए हैं. मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए उन्होने अटूट प्रतिबद्धता भी दिखाई है. खरगे ने कहा कि रेड्डी का नाम विपक्षी दल के सभी सहयोगियों के सहमति से ही लिया गया है.
कानूनी और सामाजिक योगदान
रेड्डी की कानूनी व सामाजिक करियर की बात करें तो उनके फैसले में संविधान के मूल्यों विशेष रुप से समानता व न्याय के प्रति गहरी निष्ठा देखने को मिलती है. रेड्डी की प्रगतिसील सोच व संवैधानिक सिद्धांत के प्रति समर्पण ने उन्हे एक सम्मानित व्यक्तित्व बनाया है.
उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सभी की निगाहें इसपर टिकी हैं कि बी सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी को जनता व राजनीतिक दलों की किस प्रकार की प्रतिक्रिया मिलती है. यह उम्मीदवारी विपक्ष के लिए एक मजबूत कदम माना जा रहा है. रेड्डी के नेतृत्व में संवैधानिक जिम्मेवारी को और मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.