न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की दिनो-दिन बढ़ती दादागीरी और ताजा वैश्विक हालात के बीच भारत और चीन के बीच सम्भवतः एक नये रिश्ते की शुरुआत हुई है. प्रधानमंत्री के इसी महीने चीन यात्रा से पहले इसे एक बड़ी शुरुआत माना जा रहा है. चीनी के विदेश मंत्री वांग यी इस समय दो दिवसीय भारत यात्रा पर हैं और उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं. 2020 में गलवान घाटी के सैन्य टकराव के बाद दोनों देशों के रिश्तों में बड़ी कड़वाहट आयी थी. शायद दोनों देश ताजा वैश्विक हालात के बीच इस कड़वाहट को कम करने का प्रयास कर रहे हैं.
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी में, दोनों देशों के बीच निलंबित सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने पर हसमति बनी है. हालांकि अभी सहमति बनी है, लेकिन यह शुरुआत कब से होगी इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आयी है. – लिपुलेख दर्रा, शिपकी ला दर्रा और नाथू ला दर्रे को दोनों देश सीमा व्यापार के लिए खोलेंगे. इन समझौतों के अलावा पर्यटकों और व्यापारियों के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने को दोनों देश सहमत हुए हैं.
भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर कई विवाद है. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने इस संवेदनशील मुद्दे पर भी आपस में चर्चा की है विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तिब्बत में यारलुंग ज़ंगबो नदी पर बन रहे दुनिया के सबसे विशाल बांध का मुद्दा भी उठाया और भारत की चिंता से अवगत कराया. इस पर चीन ने मानवीय आधार पर आपातकालीन जानकारी भारत के साथ साझा करने पर सहमति जताई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वांग यी से मुलाकात के बाद एक्स पर पोस्ट कर भारत और चीन के बीच नये रिश्तों की जानकारी साझा की है.