प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: मई माह में गर्मी अपने चरम पर है. हजारीबाग की बात की जाए तो पारा 45 डिग्री के आसपास होने से यहां की गर्मी का अंदाजा लगाया जा सकता है. हालांकि बीच-बीच में मौसम की मेहरबानी राहत जरूर दे रही है. लेकिन इस गर्मी के सीजन में सूखते हलक को सुकून दिलाने के नाम पर मीठा जहर देने वाले भी हर चौक-चौराहे पर बैठे है. उसे लोगों के स्वास्थ्य की तनिक भी चिंता नहीं है और गर्मी के वजह से लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए मीठे जहर का घूंट भी अंजाने में ही सही लेकिन पिए जा रहे है.
जी हां, हम बात कर रहें हैं हजारीबाग के सभी प्रमुख चौकों पर आम के जूस के नाम पर बिकने वाले पेय पदार्थ की. हजारीबाग के अन्नदा चौक, झंडा चौक, बंसीलाल चौक और जिला परिषद चौक इन सभी जगहों पर आपको एक ही रंग में, एक ही ढर्रे में, आम का जूस बिकता हुआ नजर आ जाएगा. सच पूछिए तो इस वक्त यह आम का जूस जरूरत से ज्यादा एसेंस डालकर और ठंडे पानी के साथ, चीनी डाल कर तैयार किया जा रहा है. जबकि इसे बेचने वाला आम के साथ-साथ दूध और मलाई का भी जिक्र करने से पीछे नहीं रह रहा है.
जरा सोंचिए, इस महंगाई के समय में मात्र दस रुपए ग्लास आम का जूस कैसे मुहैया हो सकता है और यकीन मानिए आवश्यकता से अधिक एसेंस के प्रयोग से लीवर डैमेज होने की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है. हजारीबाग के मुख्य मंडी यानी डेली मार्केट जहां सभी फलों का दुकान स्थित है जहां शोकेस में करीने से फल लगे हुए हैं. वहां की स्थिति यह है कि अभी केवल मद्रास छोड़ कहीं से भी आम की आवक नहीं है. ऐसे में आम काफी महंगा बिक रहा है जबकि आम का जूस बनाने का समय अभी नहीं आया है.
इसका भी जिक्र फल बेचने वाले कर रहे हैं. उनका साफ कहना है कि जब आम काफी सस्ता हो जाता है तो आम का जूस बनाया जाता है और उसका दाम भी काफी कम लगता है. आम के जूस के नाम पर ठंडाई बेचने वाले इस कारोबारी को देखने वाला शायद कोई नहीं है. हजारीबाग में इस तरह से ठंडाई और एसेंस का जो खेल चल रहा है इससे आने वाले समय में लोगों को स्वास्थ्य का काफी नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में जरूरत है इस पेय पदार्थ की जांच की जाए ताकि लोग सही पेय पदार्थ पी सके.