प्रशांत शर्मा/न्यूज 11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: चौपारण प्रखंड में अवैध देशी शराब निर्माण का धंधा खुलेआम फल-फूल रहा है. ताज़ा मामला भगहर पंचायत के परसातरी सरकारी स्कूल का है, जहां बड़ी मात्रा में जंगल से काटी गई लकड़ियां खुलेआम रखी गई हैं, जिनका इस्तेमाल अवैध शराब बनाने में किया जा रहा है.
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि खैर और सखुआ जैसी कीमती प्रजातियों के पेड़ों की बेतहाशा कटाई कर लकड़ियां जमा की जा रही हैं. हैरानी की बात यह है कि विभाग को बार-बार सूचना देने के बावजूद न तो मौके पर कोई कार्रवाई हुई और न ही फोन कॉल का जवाब मिलता है.
ग्रामीणों ने तंज कसते हुए कहा-
"भोलेनाथ पर चढ़ाए जाने वाले बेलपत्र तोड़ने पर तो तुरंत कार्रवाई होती है, लेकिन जंगल की लूट और पेड़ों के सफाये पर विभाग खामोश है."
जंगल बचाने की जगह विभाग नर्सरी और पौधरोपण के नाम पर खानापूरी कर रहा है, जबकि असल में सालों से लगे हरे-भरे पेड़ तेजी से खत्म हो रहे हैं.
ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले में अविलंब उच्चस्तरीय जांच हो, अवैध शराब निर्माण पर लगाम लगे और जंगल कटाई में शामिल माफियाओं व संरक्षण देने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए.