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रांची/डेस्क: 10 मई को केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. वहीं बदरीनाथ की कपाट 12 मई को खोले गए थे. चारधाम की यात्रा करने भारी संख्या में लोग तीर्थ यात्रा के लिए निकल पड़े है. बता दें कि कुल 26 लाख से अधिक तीर्थ यात्रिओं ने अपना पंजीकरण करवाया है. भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों के चारधाम आने से अव्यवस्था भी सामने आई है. घंटों जाम में लोगों को फंसना पड़ रहा है. परेशान तीर्थ यात्रिओं ने गंगोत्री-यमुनोत्री हाइवे पर नारेबाजी कर प्रशासन से हो रही दिक्कतों का जवाब मांग रहे है.
बता दें कि काफी संख्या में लोग बिना पंजीकरण करवाए भी चारधाम यात्रा के लिए पंहुच रहे है. जिसकी वजह से चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं चरमरा गई है. 2 लाख 76 हजार 416 श्रद्धालु अब तक चारधाम के दर्शन कर चुके है. इसके साथ ही जानकारी के मुताबिक यात्रा के दौराम अब तक 11 लोगों की मौत भी हो चुकी है. इनमे से 4 को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की भी शिकायत थी. वर्तमान स्थिति को देखा जाए तो चारधाम की यात्रा उनलोगों को टाल देनी चाहिए जो किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है. उन्हें एक बार जरुर अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. क्योंकि खड़ी पहाड़ की चढ़ाई और तापमान शरीर को बहुत प्रभावित करती है.
यात्रा पर जा रहे तो इन बातों का रखे ध्यान
बिना पंजीकरण के बिल्कुल भी चारधाम यात्रा पर ना जाए. इसके साथ ही पंजीकरण हो जाने के बाद संबंधित अधिकारीयों से विस्तृत जानकारी लें. जिससे आपको वर्तमान स्थिति के बारे में पक्की खबर हो जाए और आप किसी भी परेशानी में न फंसे.
चारधाम की यात्रा के दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करें. क्योंकि यात्रा में जाम की वजह लोगों का निजी वाहनों से आना है. पहाड़ो में संकरे रास्ते होते है, अधिक निजी वाहनों की वजह से लोगों को जाम जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. जरुरी हो तभी निजी वाहान से यात्रा करें.
चारधाम यात्रा के दौरान जल्दबाजी में निकलने या फिर किसी दूसरी जगह पहुंचने से बचे. यात्रा को आराम से संपन्न करे. इसके साथ ही प्रशासनिक अधिकारीयों के साथ संपर्क में रहें और वर्तमान स्थतियों का जायजा लेते रहें. जिससे आपको पता चल सकेगा कि आपके जिस अगले पड़ाव पर जाना चाह रहे है उसकी वर्तमान स्थिति क्या है.
चारधाम यात्रा के दौरान ज्यादा सामान लेकर नहीं चले. जरुरी सामान और जरुरी दवाइयां अपने साथ रखे. इसके साथ ही सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारीयों की बात माने.