अजय लाल, न्यूज 11 भारत
रांची : भारतीय प्रशासनिक सेवा में लगातार 36 सालों तक अपनी सेवा देने के बाद आईएएस (IAS) अधिकारी अमित खरे आज रिटायर हो गये. अमित खरे 1985 बैच के आईएएस अफसर थे. उन्हें कड़क अफसर के रूप में जाना जाता था. वे फिलहाल केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर शिक्षा सचिव का पद संभाल रहे थे. नई शिक्षा नीति तैयार करने में उनकी अहम भूमिका थी. आज रिटायरमेंट के वक्त दिल्ली में उनके कार्यालय में उन्हें विदाई दी गयी. उनकी पत्नी निधि खरे भी आईएएस अधिकारी हैं और वो भी दिल्ली में केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं.
अमित खरे जब चाईबासा के उपायुक्त थे तब उन्होंने पशुपालन घोटाले की पहली प्राथमिकि दर्ज की थी. अमित खरे झारखंड के पहले वाणिज्य कर आयुक्त थे. शिक्षा, वित्त लेकर विकास आयुक्त का भी प्रभार अमित खरे ने संभाला था. वे झारखंड में राज्यपाल के प्रधान सचिव भी रह चुके हैं.
इसे भी पढ़ें, 15 दिसंबर तक चलेगा ’ग्रामीणों की आस मनरेगा से विकास’ अभियान
अमित खरे उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आये थें, जब उन्होंने पशुपालन घोटाले में पहली प्राथमिकी दर्ज की थी. उसके बाद तो चारा घोटाले में कई नेता और अफसर जेल गये. लालू प्रसाद को भी इस मामले में जेल की हवा खानी पड़ी थी. तब अमित खरे को कई बार सरकार के कोपभाजन का भी शिकार होना पड़ा था. केन्द्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव रहते हुए, अमित खरे ने अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव गोवा को वैश्विक पहचान दिलाने की कोशिश की थी.