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रांची/डेस्क: भारत में TikTok, PUBG और Free Fire जैसे कई चीनी ऐप्स पहले ही बैन किए जा चुके हैं. अब एक और चाइनीज ऐप DeepSeek पर सवाल खड़े हो गए हैं. लेकिन इस बार विवाद भारत में नहीं बल्कि जर्मनी में हुआ है, जहां इस ऐप पर डेटा चोरी और प्राइवेसी उल्लंघन के आरोप लगे हैं. जर्मन प्रशासन ने इसे लेकर बड़ा फैसला लेते हुए Apple और Google को ऐप स्टोर से इसे हटाने का आदेश दे दिया है.
क्या है DeepSeek ऐप?
DeepSeek एक चाइनीज कंपनी द्वारा बनाया गया एआई (AI) चैटबॉट ऐप है, जो कम कीमत में OpenAI जैसे फीचर्स देने का दावा करता है. इसमें सस्ती NVIDIA चिप्स का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह तेजी से पॉपुलर हुआ और दुनियाभर में लाखों यूजर्स ने इसे डाउनलोड किया. लेकिन अब इसके डेटा कलेक्शन के तरीके पर गंभीर सवाल उठे हैं.
जर्मनी को क्या है आपत्ति?
जर्मनी की बर्लिन डेटा प्रोटेक्शन कमिश्नर Meike Kamp ने बताया कि DeepSeek ऐप यूजर्स का डेटा गुपचुप तरीके से चीन भेज रही है, जिससे वहां की अथॉरिटीज़ को डेटा तक सीधा एक्सेस मिल सकता है. यह कदम GDPR (General Data Protection Regulation) के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है, जो यूरोप में डेटा प्राइवेसी के सबसे कड़े कानूनों में से एक है. इसी वजह से जर्मनी ने इसे तुरंत बैन करने के निर्देश दिए हैं.
क्या भारत में भी हो सकता है बैन?
DeepSeek ऐप भारत में भी तेजी से लोकप्रिय हो रही है. जर्मनी जैसे देश द्वारा उठाया गया यह सख्त कदम भारत सरकार के लिए भी चिंता का विषय बन सकता है. भारत पहले भी राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी के मुद्दों पर कई चीनी ऐप्स को बैन कर चुका है. ऐसे में DeepSeek पर भी बैन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.