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रांची/डेस्क: कहते है शादी का लड्डू जो खाए वो पछताए और जो ना खाए वो भी पछताए और ऐसा ही एक मामला सामने आया हैं. शादी को लेकर हर कोई चाहे वो लड़का हो या फिर लड़की सबके कुछ सपने होते हैं. जैसे आखिर शादी के बाद ससुराल वाले कैसे होंगे, रिश्तेदार कैसे होंगे, लाइफ पार्टनर कैसे होगा और भी बहुत कुछ. ऐसे में जब लाइफ पार्टनर ही धोखेबाज निकल जाए तब आपके सारे सपने सब कुछ टूट के बिखर जाते हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से सामने आया है, जिसे सुनकर लोग दंग है और सोशल मीडिया पर इसकी जमकर चर्चा हो रही हैं. यह मामला एक नई-नवेली दुल्हन से जुड़ा है, जो शादी के ठीक बाद विदाई के रास्ते में दूल्हे को ऐसा झटका दे गई कि पूरा परिवार सदमे में हैं.
कौशाम्बी जिले से एक बारात गुरुवार को सुल्तानपुर पहुंची थी. साड़ी रस्में भी पूरी हो गई, जयमाला और फेरे भी पूरे हो गए. जिसके बाद शुक्रवार को दुल्हन की विदाई भी कर दी गई. लेकिन शादी के तुरंत बाद जो हुआ, उसने सबको हैरत में डाल दिया. दरअसल, जब दूल्हा को लेकर कार में सवार होकर कौशाम्बी की ओर लौट रहा था तो मऊआइमा फोरलेन हाईवे पर स्थित गणेशगंज के पास दुल्हन ने अचानक कहा- 'ऐ जी! कार रोकिए ना.. मुझे लघुशंका के लिए जाना हैं.' दूल्हा भी क्या करता उसने तुरंत कार रोक दी और दुल्हन को पानी की बोतल थमाकर झाड़ियों की तरफ भेज दिया. लेकिन किसी को नहीं पता था कि ये लघुशंका नहीं एक फुल प्लान्ड ड्रामा था. वहां पहले से ही दुल्हन का प्रेमी बाइक लेकर इंतजार कर रहा था. मौका मिलते ही दुल्हन उसी बाइक पर सवार होकर प्रतापगढ़ की ओर फरार हो गई.
दूल्हा और उसके साथी एक घंटे तक झाड़ियों और आसपास के इलाकों में दुल्हन को ढूंढते रहे. जब कुछ पता नहीं चला तो उन्होंने पास के ग्रामीणों से पूछताछ की. पशु चराने वाले कुछ ग्रामीणों ने बताया कि एक दुल्हन बाइक पर बैठकर प्रतापगढ़ की ओर जाती दिखी हैं. घटना की सूचना मिलते ही सुल्तानपुर में वधु पक्ष से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए. कुछ बारातियों ने रामफल इनारी पुलिस चौकी पहुंचकर घटना की जानकारी दी लेकिन पुलिस ने कोई खास ध्यान नहीं दिया और वधू पक्ष से बात करें. वहीं बारातियों की मानें तो दुल्हन की शादी किसी और से प्रेम संबंध के चलते जबरदस्ती कराई गई हैं. जयमाल और फेरे की वक्त भी वह तैयार नहीं थी लेकिन परिवार के दबाव में शादी की रस्में निभाई गई. विदाई के समय भी वह नाटक कर रही थी लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि उसका असली इरादा क्या हैं?