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रांची/डेस्कः झारखंड के प्रसिद्ध सारंडा जंगल में हो रही अवैध खनन गतिविधियों को रोकने और क्षेत्र के पर्यावरण की रक्षा के उद्देश्य से दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. यह याचिका जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय द्वारा दायर की गई थी.
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में हुई इस सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत को सूचित किया कि सारंडा क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuary) घोषित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और राज्य सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है.
अधिवक्ता ने यह भी बताया कि प्रस्तावित वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी की अधिसूचना जल्द ही जारी की जा सकती है, जिससे क्षेत्र में अवैध खनन पर स्वतः अंकुश लग जाएगा. याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया.
सारंडा: पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संवेदनशील क्षेत्र
सारंडा जंगल झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित है और यह क्षेत्र जैव विविधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. यहां लंबे समय से अवैध खनन की शिकायतें सामने आती रही हैं, जो पर्यावरण और स्थानीय आदिवासी आबादी के लिए खतरा बन चुकी हैं. विधायक सरयू राय ने इस विषय को बार-बार सार्वजनिक मंचों और विधायी स्तर पर उठाया है. अब जब सारंडा को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने की दिशा में कदम बढ़ चुके हैं, तो पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को नई गति मिलने की उम्मीद है. इस फैसले को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है, जिससे न केवल अवैध खनन पर रोक लगेगी, बल्कि सारंडा की जैव विविधता को भी संरक्षित किया जा सकेगा.