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रांची/डेस्क: बांग्लादेशी नागरिक रोनी मंडल द्वारा दायर याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. यह याचिका पीएमएलए विशेष अदालत द्वारा मामले में लिए गए संज्ञान को चुनौती देने के संबंध में है. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 12 सितंबर को निर्धारित की गई है.
रोनी मंडल के अधिवक्ता निखिल रंजन ने कोर्ट को बताया कि भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 223(1) के तहत किसी आरोपी को सुने बिना पीएमएलए अदालत संज्ञान नहीं ले सकती. इसी आधार पर उन्होंने विशेष अदालत के आदेश को अवैध बताया. गौरतलब है कि 12 नवंबर 2024 को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी के आरोपों में दो बांग्लादेशी नागरिक—रोनी मंडल और समीर चौधरी—सहित दो भारतीय नागरिक पिंटू हलधर और पिंकी बसु मुखर्जी को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया था. इससे पहले ईडी ने झारखंड और बंगाल के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी.
इन छापों में फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पासपोर्ट, अवैध हथियार, अचल संपत्तियों के दस्तावेज, नकदी और गहने बरामद किए गए. आरोप है कि रोनी मंडल ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनवाया था, जिस पर पासपोर्ट कार्यालय ने उसे नोटिस जारी किया था. वहीं, आरोपी समीर चौधरी पिछले चार वर्षों से पिंकी बसु मुखर्जी के घर पर रह रहा था. बरियातू थाना में दर्ज एफआईआर को ईडी ने टेकओवर कर कार्रवाई शुरू की थी.