न्यूज़ 11 भारत
रांची/डेस्क: ISI का जासूस नामोन इलाही अब हरियाणा पुलिस की रिमांड में है, पूछताछ और जांच के दौरान कई खुलासे हुए हैं. सूत्रों ने जानकारी दी है कि नामोन इलाही को जासूसी की रकम भारतीय बैंक खातों में भेजी जाती थी. फ़िलहाल, सभी बैंक खाते सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं. ऐसे में बताया जा रहा है कि गैंग में कुछ और लोग भी शामिल हो सकते है.
15 दिन पाकिस्तान में ली ट्रेनिंग
सूत्र बता रहे है कि, नामोन इलाही प्रशिक्षित जासूस है. नामोन सिर्फ 17 साल की उम्र से ही पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था. 2017 में अवैध रूप से पाकिस्तान भी गया था तभी नामोन की मुलाकात दिलशाद मिर्जा से हुई थी. नामोन उनके साथ 15 दिन रहा और उसी 15 दिन में आईएसआई कमांडर इकबाल काना और आईएसआई ऑपरेटिव दिलशाद मिर्जा ने उसे ट्रेनिंग दी थी. उसको कोड वर्ड में बात करना, ISI का प्रचार करने और युवाओं का ब्रेन वाश करने के लिए ट्रेन किया गया था.
ISI को देता था संवेदनशील जानकारियां
पानीपत सीआईए-1 ने नामोन को गिरफ्तार किया था. पाकिस्तान के ISI एजेंट इकबाल काना को भारत के सैन्य ठिकानों को संवेदनशील जानकारियां उपलब्ध करा रहा था. ऑपरेशन सिंदूर के लिए भी उसे श्रीनगर जाने का टास्क दिया गया था. साथ ही इकबाल काना ने उससे पठानकोट और गुरदासपुर ट्रेनों में सैनिकों की गतिविधिओ की भी जानकारी मांगी थी. हालांकि, हरियाणा पुलिस 7 दिनों के लिए नामोन को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही हैं. पूछताछ में रोजाना चौकाने वाले खुलासे हो रहे है.
पाकिस्तान से पैसे भेजने की खबर
सूत्रों ने बताया कि, जासूस नामोन ने ट्रेनों व अन्य संवेदनशील स्थानों के वीडियो ISI एजेंट इकबाल को भेजे थे. लेकिन नामोन को पाकिस्तान से पैसे भेजने की खबर अभी तक सामने नहीं आई हैं. जांच के दौरान पता चला है कि जासूसी के लिए भारतीय बैंक खातों में नामोन के लिए पैसे भेजे जाते थे और साथ ही कई बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर भी किये गए थे.
इन सब जानकारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों का शक गहरा हो गया हैं. शक यह है की जासूसी के बदले रकम भारतीय बैंक खातों में किसके द्वारा भेजी गई हैं, कहीं इस पुरे नेटवर्क में और भी जासूस तो शामिल नहीं हैं. इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही है.
नामोन इलाही का भाई फरार
नामोन इलाही का भाई जीशान का एक पासपोर्ट का फॉर्म भरने की दुकान थी. उसका पिता अहसान भी वहीं काम करता था. बताया जा रहा है कि लगभग दो वर्षों पहले जीशान दुकान बंद कर चला गया था. उसका मोबाईल नंबर भी अब बंद हैं. पुलिस जीशान ओर उसके पिता की तलाश कर रही हैं.
नामोन के घर में भी की गई छापेमारी
पानीपत सीआईए-1 टीम नामोन को लेकर दो बार कैराना पहुंच चुकी है. टीम ने पहले जनसेवा केंद्र संचालक से पूछताछ की थी. हालांकि, बेगमपुरा मोहल्ले में स्थित उसके मकान को भी खुलवाकर छानबीन की गई थी जिसमें टीम के हाथ पासपोर्ट और कई संदिग्ध दस्तावेज भी मिले थे, जिसे टीम ने कब्जे में ले लिया था. बताया जा रहा है कि, नामोन की रिमांड अवधि पूरे होने से पूर्व ही सीआईए की टीम फिर से कैराना पहुंच सकती हैं. उसके संपर्क में आए लोग भी पुलिस की रडार में हैं.
कई और जासूसों से लिंक होने की संभावना
पानीपत में नामोन की गिरफ़्तारी के बाद हरियाणा के कैथल में देवेंद्र सिंह, यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के अलावा नूंह से अरमान को भी गिरफ्तार किया गया हैं. इन लोगों पर भी जासूसी के आरोप हैं. सुरक्षा एजेंसियां इन सब बिन्दुओं पर भी जांच कर रही हैं की कहीं इन जासूसों के आपस में ही लिंक तो नहीं हैं. यदि लिंक पाया जाता है तो कई और बड़े खुलासे होने की संभावना हैं.