प्रशांत/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: बार एसोसिएशन हजारीबाग और स्टाम्प वेंडर एसोसिएशन के बीच लंबे समय से चले आ रहे भवन विवाद ने रविवार को उग्र रूप ले लिया, जब कथित तौर पर बार एसोसिएशन द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग के पुराने भवन को जेसीबी से तोड़ दिया गया. इस भवन पर स्टाम्प वेंडर एसोसिएशन का दावा है कि वे पिछले 70 वर्षों से वहां कार्यरत हैं और यह भवन उन्हें कार्य के लिए आवंटित था, जबकि बार एसोसिएशन के पास इस भवन का कोई वैध आवंटन नहीं है.
स्टाम्प वेंडर एसोसिएशन ने बताया कि इस मुद्दे पर कई बार बार एसोसिएशन द्वारा उन्हें चेतावनी दी गई थी कि वे भवन खाली कर दें. इसके खिलाफ उन्होंने दिनांक 15 जुलाई 2025 को उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर हस्तक्षेप की मांग की थी, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. स्टाम्प वेंडर एसोसिएशन का गंभीर आरोपः एसोसिएशन का कहना है कि यह न केवल जबरन कब्जा और अवैध तोड़फोड़ का मामला है, बल्कि सरकारी भवन को गैरकानूनी तरीके से नष्ट किया गया है.
इससे पहले भी, उपायुक्त नैन्सी सहाय के कार्यकाल में पुराने चुनाव कार्यालय में कथित आगजनी कर उसे बार एसोसिएशन को सौंप दिया गया था. उस भवन में रखे लगभग 1.75 लाख मूल भू-मानचित्रों (नक्शों) की कीमत बाजार में लगभग 17.5 करोड़ आंकी जा रही है, जो अब नष्ट हो चुके हैं.प्रशासन पर गंभीर सवालः स्टाम्प वेंडर एसोसिएशन ने सवाल उठाया है कि जब यह जेसीबी से सरकारी भवन तोड़ा जा रहा था, तब उपायुक्त, एसडीओ, सीओ और पुलिस अधीक्षक जैसे प्रशासनिक अधिकारी कहां थे. क्यों कोई रोकथाम नहीं की गई, क्या यह प्रशासन की मिलीभगत है या लापरवाही है. एसोसिएशन के वरिष्ठ प्रतिनिधि कुमार कृष्ण नंद ने बताया कि वह पूरे मामले की शिकायत सीबीआई और ईडी को करने जा रहे हैं, ताकि स्पष्ट हो सके कि प्रशासनिक चुप्पी के पीछे क्या कारण रहे हैं और किसकी जिम्मेदारी है सरकारी संपत्ति के नुकसान की.