जांच के लिए 10 सदस्यीय कमेटी गठित, रांची से पहुंचे माध्यमिक शिक्षा के डिप्टी डायरेक्टर
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: डाइट में वर्ष 2016 में सफल प्रारंभिक शिक्षक अभ्यार्थियों की काउंसिलिंग गुरुवार को हुई. इसमें महज 50% अभ्यर्थी ही पहुंचे. काउंसिलिंग में वन टू फाइव और सिक्स टू एइट के लिए चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों की मेधा सूची तैयार की गई, उस मास्टर सूची में डीएसई आफिस हजारीबाग से छेड़छाड़ की आशंका व्यक्त किए जाने से डीसी स्तर से जांच दल गठित की गई है. इस टीम में 10 सदस्यों को रखा गया है. बताया जाता है कि काउंसिलिंग में 76 की जगह महज 38 अभ्यर्थियों का आगमन हुआ. काउंसिलिंग में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से प्रतिनियुक्त डिप्टी डायरेक्टर शिवेंदु कुमार भी मौजूद थे.
काउंसिलिंग के दौरान डीडीसी प्रेरणा दीक्षित भी आयो थीं. इसमें शिक्षा विभाग के अन्य पदाधिकारी और कर्मी भी लगाए गए थे. मेधा सूची जांच के लिए डीसी के आदेश से डीडीसी की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाई गई. इसमें उप समाहर्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला योजना पदाधिकारी को रखा गया है.
सहयोग के लिए 10 सदस्य प्रश्भात रंजन, परियोजना पदाधिकारी, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, सोनू प्रसाद मेहता, परियोजना अर्थशास्त्री, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, अजय प्रसाद, लेखा पदाधिकारी, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, अली रजा खान, जिला समन्वयक, पीएमएवाई, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, अंजनी कुमार तिवारी, कम्प्यूटर ऑपरेटर, डीएमएफटी, राहुल कुमार सिन्हा, कम्प्यूटर ऑपरेटर, जिला शिक्षा पदाधिकारी, कार्यालय, आशीष कुमार, कम्प्यूटर ऑपरेटर, विकास शाखा, हजारीबाग, पवन कुमार सिंह, अनुसेवक, नजारत शाखा, संतोष कुमार मेहता, अनुसेवक, स्थापना शाखा और सिरज कुमार, अनुसेवक, अनुमण्डल कार्यायल सदर हजारीबाग को रखा गया है. जिले में भी अनियमितताओं की चर्चा है. इस संबंध में डीएसई आफिस के एक कमी को डीसी से फटकार भी लगने की सूचना है. बताया जाता है कि यहां दिन के 10 बजे से काउंसिलिंग होनी थी और अपराह्न एक बजे मास्टर सूची फाइनल कर के दी गई.
पदस्थापन सूची पर नहीं हो पाया साइन
दूसरे जिले से स्थानांतरित होकर आए शिक्षकों के पदस्थापन सूची पर अन्य पदाधिकारियों के साइन नहीं हो पाए. इससे शिक्षकों के पोस्टिंग की आस अब भी अधूरी है. दरअसल पूर्व डीएसई संतोष गुप्ता ने जो सूची तैयार की, उस पर झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने लेन-देन की बात कह सवाल खड़ा कर दिया. पूर्व डीएसई का स्थानांतरण पलामू हो गया है. ऐसे में वह खुद से तैयार की गई शिक्षकों के पदस्थापन की सूची को फाइनल करवाने की फिराक में देखें गए. चूंकि जिला शिक्षा स्थापना समिति की बैठक नहीं है पायी, तो अब समिति के अन्य पदाधिकारियों का हस्ताक्षर उसी सूची पर चाह रहे हैं. नए डीएसई आकाश कुमार के स्वतः प्रभार ग्रहण से फिलहाल उनकी मंशा पर पानी फिर गया है. यही वजह है कि तबादले के बाद भी वह हजारीबाग में डटे है और नए डीएसई को प्रभार देना नहीं चाह रहे थे.
गठित जांच दल को निदेश दिया गया है कि एक अगस्त को आयोजित होने वाली काउन्सिलिंग के लिए प्रकाशित मेधा सूची की गहनता से जांच करना सुनिश्चित करेंगे. बताया जाता है कि काउंसिलिंग के लिए तैयार मास्टर सूची को एक कंप्यूटर आपरेटर ने तैयार किया है. यह आशंका जताई जा रही है कि मेधा सूची निर्माण में अंकों में कहीं गड़बड़ी तो नहीं की गई. इसीलिए जांच टीम गठन की बात कही जा रही है. बहरहाल मामला जो भी हो, जांच में मामले का पटाक्षेप होने की बात कही जा रही है.