अरुण कुमार यादव/न्यूज11 भारत
गढ़वा/डेस्कः- गढ़वा सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार ने मझिआंव प्रखंड मुख्यालय स्थित राधा कृष्ण हॉस्पिटल एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान उन्हें कई गंभीर अनियमितताएँ मिली.निरीक्षण के समय अस्पताल के संचालक राजनीकांत वर्मा की पत्नी कविता कुमारी को ऑपरेशन करते हुए पाया गया, जबकि एक व्यक्ति निरीक्षण दल को देखकर पिछली ओर के रास्ते से खेतों की ओर भाग गया. मौके पर आधा दर्जन से अधिक मरीज ऑपरेशन करा कर लेटे हुए मिले. जबकि दर्जनों लोग इंतजार में बैठे थे. प्रथम तल पर भर्ती एक मरीज के परिजन ने बताया कि वे बच्चेदानी का ऑपरेशन कराने आए थे और उनके मरीज का ऑपरेशन कुछ मिनट पहले ही हुआ है.कविता कुमारी ने एसडीएम की पूछताछ में बताया कि वे बीएएमएस की डिग्रीधारी हैं और अनुभव के आधार पर स्वयं ऑपरेशन एवं एनेस्थीसिया का कार्य करती हैं. जब एसडीएम ने संचालक राजनीकांत वर्मा से पूछा कि किस प्रकार एक बीएएमएस डिग्रीधारी डॉक्टर बड़े ऑपरेशन और एनेस्थीसिया दे सकते हैं, तो वे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके.
मरीज को दिए जाने वाले मेडिकल पर्चे में डॉक्टर कविता कुमारी ने अपने नाम के साथ स्त्री रोग विशेषज्ञ और चिकित्सा पदाधिकारी झारखंड सरकार लिखा हुआ था. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं तो चुप रहीं, किंतु चिकित्सा पदाधिकारी होने के दावे पर उन्होंने कहा कि वह मझिआंव सामुदायिक अस्पताल में प्रतिनियुक्त हैं. किंतु उनकी मूल नियुक्ति कहां है इस बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया.
अस्पताल में भर्ती मरीजों से संबंधित कोई रजिस्टर नहीं पाया गया, यहां तक कि पूर्व की तिथियों की भी कोई एंट्री नहीं पाई गई, न ही कोई दस्तावेज संधारित मिले.मौके पर ही एसडीएम ने गढ़वा सिविल सर्जन को फ़ोन कर पूरे मामले की जानकारी दी तथा विस्तृत जांच हेतु यथाशीघ्र इस अस्पताल पहुँच कर मामले की गहराई से जांच करने को कहा. उन्होंने कहा कि यह कृत्य न केवल भारतीय न्याय संहिता के तहत (जीवन को संकट में डालने वाले कृत्य) दंडनीय है, बल्कि क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट एवं इंडियन मेडिकल काउंसिल रेगुलेशन्स का भी स्पष्ट उल्लंघन है.एसडीएम संजय कुमार ने स्पष्ट किया कि वे इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट स्वयं भी उच्चाधिकारियों को भेजेंगे और दोषियों पर विधि सम्मत कठोर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी, जिसमें लाइसेंस निरस्तीकरण, अस्पताल सील करने एवं आपराधिक मुकदमा दर्ज करने तक की कार्रवाई शामिल होगी. उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थ में इस तरह के अस्पताल और अप्रशिक्षित चिकित्सक लोग भोले-भाले एवं कम पढ़े-लिखे मरीजों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग को इस प्रकार के अस्पतालों एवं चिकित्सकों के विरुद्ध तत्काल रोकथामात्मक एवं दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी. मौके पर एकत्रित भीड़ में मौजूद नागरिकों ने एसडीएम से कहा कि बीच शहर में इस प्रकार के पंजीकृत अस्पतालों में भी संदिग्ध कृत्य खुलेआम चलते मिल जाना स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह है. इस पर एसडीएम में सभी को आश्वस्त किया किसी भी प्रकार की अनाधिकृत गतिविधियों में संलिप्त अस्पतालों एवं अप्रशिक्षित चिकित्सकों पर अभियान चलाकर कार्रवाई होगी.