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रांची/डेस्क: गोरखपुर के पिपराइच इलाके से अगवा की गई एक नाबालिग लड़की के मामले ने पुलिस को उस अंधेरे रास्ते की ओर धकेला, जहां इंसानियत शर्मसार होती हैं. शुरुआती जांच में जो मामला शादी के नाम पर लड़की की तस्करी का लग रहा था, वो दरअसल एक खौफनाक सरोगेसी रैकेट की परतें खोल गया. इस मामले ने पुलिस को झकझोर कर रख दिया हैं. जांच में सामने आया कि नाबालिग को जबरन मां बनाने के लिए अपहरण किया गया था. ये कोई एक-दो लोगों का काम नहीं था, बल्कि एक संगठित गिरोह था, जो उत्तर प्रदेश से लेकर राजस्थान और दिल्ली तक फैला हुआ था.
कैसे सामने आया गिरोह का गंदा सच?
पुलिस को इस मामले में बड़ी सफलता तब मिली जब 12 जुलाई की रात पिपराइच के तिकोनिया जंगल में हुई मुठभेड़ में गिरोह के मास्टरमाइंड मोहर्रम उर्फ राल को गोली लगने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. मोहर्रम महराजगंज जिले के बुढाडीह गांव का रहने वाला हैं. उसी के पास से अगवा की गई नाबालिग लड़की को भी सकुशल बरामद कर लिया गया.
पीड़िता की आपबीती ने खोली सच्चाई की परतें
लड़की ने पुलिस को बताया कि उसे मां बनने के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जा रहा था. उसे बंद कमरे में रखा गया था और लगातार समझाया जा रहा था कि यही उसकी नई जिंदगी हैं. पूछताछ में यह भी सामने आया कि 15 मार्च को दिल्ली के देवा गुर्जर, सरवनपुरी (राजस्थान) के दो भाइयों और गोरखपुर की सरिता ने मिलकर इस लड़की की खरीद-फरोख्त की थी.
देशभर में फैला था गैंग का नेटवर्क
गिरोह का नेटवर्क केवल यूपी तक सीमित नहीं था.पुलिस ने अजमेर के गांधीनगर से बागचंद जापति, हरमाड़ा से सरवनपुरी, आगरा से सन्नी और उसकी पत्नी राधा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हैं. गिरोह की जड़ें गोरखपुर, महराजगंज, दिल्ली, आगरा और राजस्थान तक फैली थी. पुलिस अब इस रैकेट के अन्य सदस्यों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही हैं.
जांच अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह कई सालों से सक्रिय था. यह भी आशंका जताई जा रही है कि कई लड़कियां इस गैंग की शिकार बन चुकी हैं और अब तक सामने नहीं आ पाई हैं. पुलिस उन संभावित पीड़िताओं की पहचान में भी जुट गई हैं.