प्रमोद कुमार/न्यूज़11 भारत
लातेहार/डेस्क: बरवाडीह प्रखंड के लात पंचायत स्थित ग्राम बेरे के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 68 में सेविका चयन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं. ग्रामवासी सरोज कुमारी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष शशिभूषण तिवारी को आवेदन सौंपकर इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
आवेदन के अनुसार, दिनांक 29 मई 2025 को ग्राम बेरे में सेविका चयन हेतु प्रखंड बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, पर्यवेक्षी, ग्राम प्रधान और ग्रामीणों की उपस्थिति में बैठक बुलाई गई थी, जिसमें चयन प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया था. इसके बाद 18 जून 2025 को एक और बैठक बुलाई गई, जिसमें न तो कोई चयन हुआ और न ही ग्रामीणों से हस्ताक्षर लिए गए. बावजूद इसके, अनीता देवी, पति प्रेमचंद सिंह को फर्जी तरीके से सेविका के पद पर चयनित कर लिया गया.
आरोप है कि चयन समिति ने न तो कोई पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई, न ही ग्रामीणों की सहमति ली, और न ही किसी अधिकृत रजिस्टर में ग्रामीणों के हस्ताक्षर कराए गए. ग्रामीणों का कहना है कि सेविका चयन में भारी घोटाला हुआ है, जिसमें फर्जी ग्रामीणों के हस्ताक्षर कर और दस्तावेजों में हेराफेरी कर अनीता देवी की नियुक्ति की गई. इस पूरे मामले ने आंगनबाड़ी जैसी योजना की पारदर्शिता और भरोसे को कठघरे में खड़ा कर दिया है. ग्रामीणों में इस फर्जीवाड़े को लेकर भारी आक्रोश है. लोग मांग कर रहे हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पूरे चयन की प्रक्रिया को निरस्त कर दोबारा निष्पक्ष तरीके से चयन कराया जाए, ताकि असली पात्र उम्मीदवारों को न्याय मिल सके. यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि सरकारी योजनाओं में निगरानी और पारदर्शिता की कितनी सख्त जरूरत है. यदि ऐसे भ्रष्टाचार पर समय रहते लगाम नहीं लगाई गई तो ग्रामीणों का सरकारी योजनाओं पर से विश्वास पूरी तरह उठ जाएगा.