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रांची/डेस्क: भारत के पूर्व मुख्यमंत्री न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ को रिटायरमेंट के छह महीने बाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (NLU), दिल्ली में प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रूप में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई हैं. यह नियुक्ति न केवल विधि शिक्षा जगत में बड़ी हलचल लेकर आई है बल्कि इसे कानूनी शिक्षा का परिवर्तनकारी अध्याय भी कहा जा रहा हैं.
एनएलयू, दिल्ली ने गुरुवार को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की नियुक्ति की घोषणा करते हुए X पर पोस्ट जारी करते हुए कहा "हम भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ. न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ का राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली में प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रूप में स्वागत करते हुए अत्यंत सम्मानित महसूस कर रहे हैं." साथ ही एनएलयू के कुलपति प्रो. जी. एस. बाजपेयी के साथ चंद्रचूड़ की तस्वीर भी साझा की गई.
बाजपेयी ने इस जुड़ाव को भारतीय कानूनी शिक्षा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया हैं. उन्होंने ''यह ऐतिहासिक जुड़ाव भारतीय कानूनी शिक्षा में एक परिवर्तनकारी अध्याय का प्रतीक है, जो हमारे सबसे प्रगतिशील न्यायविदों में से एक को अगली पीढ़ी के कानूनी दिमागों का मार्गदर्शन करने के लिए लाता है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की उपस्थिति हमारे शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र को और समृद्ध करेगी।''
बता दें कि, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश भारत के रूप में नवंबर 2024 तक दो साल के कार्यकाल में उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए.
- अयोध्या भूमि विवाद
- सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना
- निजता के अधिकार
- अनुच्छेद 370 को हटाने
उन्होंने 13 मई 2016 से सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल की शुरुआत की थी और अपने विचारों ककी प्रगतिशीलता के कारण उन्हें न्यायपालिका की आधुनिक आवाज माना गया.