झारखंड के प्रख्यात साहित्यकार पत्रकार एवं झारखंड आंदोलनकारी डॉ भुवनेश्वर अनुज का आज हृदयाघात होने से आज शुक्रवार को दोपहर तीन बजे उनका निधन नागरमल मोदी सेवासदन, रांची में हो गया। डॉ अनुज के निधन से झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा परिवार मर्माहत है।
भुवनेश्वर अनुज का जन्म 3 अप्रैल 1935 ईस्वी को गुमला जिला के सिसई थाना अंतर्गत छारदा ग्राम के एक किसान परिवार में हुआ था। हिंदी में एम ए, पीएचडी की थी और पत्रकारिता, शैक्षिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों में विशेष रूचि थी। उनकी राष्ट्रीय स्तर की अनेक दैनिक पत्रों, समाचार समिति के संवाददाता, रांची से प्रकाशित हिंदी सप्ताहिक छोटानागपुर संदेश के संस्थापक संपादक, नागपुरी पत्रिका के सहायक संपादक ,देशप्राण हिंदी दैनिक के वरीय उप संपादक ,अनेक पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न विषयों पर रचनाएं प्रकाशित अनेक रचनाएं आकाशवाणी से प्रसारित हैं। झारखंड झरोखा से उनकी अनेका अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुके हैं।
झारखंड आंदोलन को गतिमान बनाने के लिए उनके अमूल्य रचना भी प्रकाशित हुए हैं बौद्धिक स्तर से वे झारखंड आंदोलन को गति देने का काम किया है। बौद्धिक स्तर पर उन्होंने अपने गांव छरदा में उच्च विद्यालय की स्थापना की । रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत बैजनाथ जालान महाविद्यालय सिसई, गुमला, संजय गांधी मेमोरियल महाविद्यालय पंडरा, रांची, बसिया महाविद्यालय बसिया, लापुंग इंटर महाविद्यालय व छारदा, सिसई में हाई स्कूल की स्थापना की व संस्थापक सचिव भी रहे।