गौरव पाल/न्यूज 11,भारत
बहरागोड़ा/डेस्क: श्रीहरि वनवासी विकास समिति, झारखंड (संबद्ध – वनवासी कल्याण केंद्र, झारखंड) द्वारा संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, बहरागोड़ा में संभाग स्तरीय दो दिवसीय प्रधानाचार्य बैठक (रांची संभाग) का आयोजन सफलता पूर्वक संपन्न हुआ.
इस बैठक का विधिवत शुभारंभ मां शारदे, ॐ, भारत माता एवं सरना माता के चित्रों के समक्ष पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ. इस अवसर पर वनवासी कल्याण केंद्र, जमशेदपुर विभाग के माननीय संगठन मंत्री श्री प्रमोद नाथ जी, श्रीहरि वनवासी विकास समिति, झारखंड के शिक्षा प्रमुख श्री सुभाष चंद्र दुबे जी, सह-शिक्षा प्रमुख श्री जगमोहन बड़ाईक जी, जिला निरीक्षक श्री हीरालाल महतो जी, एवं पूर्वी सिंहभूम जिला के संगठन मंत्री श्री घनश्याम रजवार जी संयुक्त रूप से उपस्थित रहे.
इस बैठक में पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, रांची, खूंटी एवं सरायकेला-खरसावां जिलों के कुल 25 प्रधानाचार्य (20 पुरुष एवं 5 महिला) उपस्थित थे. बैठक की संपूर्ण व्यवस्थाएँ विद्या मंदिर, बहरागोड़ा के प्रधानाचार्य एवं आचार्य-आचार्याओं के सहयोग से संचालित हुईं.
प्रमुख बिंदुओं पर हुई व्यापक चर्चा:
बैठक के उद्घाटन सत्र में प्रमोद नाथ जी ने वनवासी कल्याण केंद्र के उद्देश्यों, कार्यशैली और संगठन की संरचना पर विस्तृत प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य संस्था के कार्यों की धुरी होते हैं और विद्यालय की सभी गतिविधियों को संस्था एवं संगठन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही संचालित किया जाना चाहिए.
इसके उपरांत विभिन्न सत्रों में सुभाष चंद्र दुबे जी ने विद्यालय के समग्र विकास के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रधानाचार्यों को मार्गदर्शन प्रदान किया. उन्होंने शैक्षिक, बौद्धिक, शारीरिक विकास, त्रिवर्षीय कार्य योजना, दस्तावेजीकरण, रिपोर्टिंग प्रणाली, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, पंचकोशीय शिक्षा, संस्कार व अकादमिक पक्ष, प्रशिक्षण में नवाचार, संघ के पंच परिवर्तन, स्वावलंबी प्रकल्प, दुर्बल प्रकल्पों का सुदृढ़ीकरण, स्थानीयकरण, कार्य सिंहावलोकन, आदि विषयों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की.
इस दौरान विद्यालय की ओर से किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई तथा आगामी महीनों के लिए संगठन द्वारा निर्धारित कार्ययोजनाओं से प्रधानाचार्यों को अवगत कराया गया.
प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्यों का संबोधन
इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य श्री तपन कुमार महतो एवं श्री दीपंकर साहू ने भी बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के कार्यों की सराहना की एवं आवश्यक सुझाव प्रस्तुत किए. बैठक कुल पांच सत्रों में आयोजित की गई, जिसमें प्रत्येक सत्र में विषयवार संवाद और योजनाएं साझा की गईं.
समापन सत्र में अनुभव साझा
बैठक के समापन सत्र में सभी प्रधानाचार्यों ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस प्रकार की बैठकों से कार्यकर्ताओं को दिशा मिलती है और संगठनात्मक सक्रियता बनी रहती है. साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि इस प्रकार के आयोजनों का समय-समय पर आयोजन किया जाना चाहिए.यह बैठक अनुशासित वातावरण में, उद्देश्यपरक संवाद के साथ सफलता पूर्वक संपन्न हुई.