संतोष श्रीवास्तव/न्यूज़11 भारत
पलामू/डेस्क: आम जनजीवन की सुरक्षा और पलामू रेंज में शांति व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) ने शनिवार को सभी थाना क्षेत्रों के लिए कड़े, लेकिन जनहितैषी निर्देश जारी किए हैं. इन निर्देशों का मुख्य उद्देश्य अपराध नियंत्रण, विधि-व्यवस्था बनाए रखना और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना हैं.
बीट प्रभारियों की भूमिका और जवाबदेही
डीआईजी के आदेशानुसार, प्रत्येक थाना प्रभारी को अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले बीट, वार्ड या मोहल्लों के लिए स्पष्ट रूप से पुलिस पदाधिकारियों को नियुक्त करना होगा. ये बीट प्रभारी अपने निर्दिष्ट क्षेत्रों की कानून-व्यवस्था, अपराध पर नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे. यह कदम स्थानीय स्तर पर पुलिस की उपस्थिति और जवाबदेही को बढ़ाएगा, जिससे समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा.
अनुपस्थित परिवारों के घरों पर विशेष निगरानी
डीआईजी द्वारा जारी आदेश संख्या 1171/गो० में एक विशेष निर्देश दिया गया है: जिन परिवारों ने किसी कारणवश अपने घरों को बंद कर लंबे समय के लिए बाहर यात्रा की है, उनके घरों पर बीट अधिकारी विशेष निगरानी रखेंगे. यह पहल विशेष रूप से उन घरों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है जिनके निवासी त्योहारों, विवाह समारोहों या कामकाज के लिए बाहर गए हैं. बीट प्रभारियों को ऐसे घरों की एक विस्तृत सूची तैयार करने और नियमित रूप से उनका निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है, ताकि किसी भी संभावित चोरी या अन्य आपराधिक गतिविधि को समय रहते रोका जा सके. यह सुनिश्चित करेगा कि खाली घर असामाजिक तत्वों का निशाना न बनें.
जनसंपर्क और गश्ती व्यवस्था का नियमित मूल्यांकन
सुरक्षा व्यवस्था की प्रभावशीलता बनाए रखने के लिए, डीआईजी ने यह भी स्पष्ट किया है कि संबंधित अंचल निरीक्षक और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अपने अधीनस्थ थाना क्षेत्रों में बीट प्रभारियों की कार्यशैली का नियमित मूल्यांकन करेंगे. इसमें गश्ती व्यवस्था, पिकेट ड्यूटी और आम जनता के साथ संवाद स्थापित करने की उनकी क्षमता का आकस्मिक निरीक्षण शामिल होगा. यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही, असंवेदनशीलता या अव्यवस्था पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. यह कदम पुलिस कर्मियों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति अधिक सचेत और जवाबदेह बनाएगा.
संवेदनशील सूचनाओं की अनिवार्य रिपोर्टिंग
प्रत्येक बीट प्रभारी के लिए यह अनिवार्य होगा कि वह अपने क्षेत्रों में होने वाली हर संदिग्ध गतिविधि, सामाजिक तनाव या आपराधिक संकेत की जानकारी तुरंत थाना प्रभारी को दें. थाना प्रभारी इन सूचनाओं का गहन विश्लेषण करेंगे और उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट देंगे. इसके बाद, उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. यह प्रक्रिया न केवल अपराधों की रोकथाम में मदद करेगी, बल्कि आम नागरिकों के मन में पुलिस के प्रति विश्वास को भी सशक्त करेगी. त्वरित और प्रभावी सूचना प्रवाह से समय रहते किसी भी बड़ी घटना को टाला जा सकता है.
अवकाश में भी निर्बाध सुरक्षा
सुरक्षा व्यवस्था में कोई व्यवधान न आए, यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई बीट प्रभारी अवकाश पर जाता है, तो उसकी जिम्मेदारी एक योग्य और सतर्क अधिकारी को सौंपी जाएगी. इससे यह सुनिश्चित होगा कि उस क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था किसी भी तरह से प्रभावित न हो और नागरिकों को लगातार सुरक्षा मिलती रहे.
कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों का सम्मान, लापरवाही पर कार्रवाई
डीआईजी ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि जो पुलिस पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्ठा, संवेदनशीलता और तत्परता से करते हैं, उन्हें प्रशंसा पत्र या अन्य माध्यमों से सम्मानित किया जाएगा. यह पहल पुलिस कर्मियों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करेगी. वहीं, दूसरी ओर, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी वे स्वयं वहन करेंगे. यह स्पष्ट संदेश देता है कि पलामू पुलिस रेंज में कर्तव्यनिष्ठा को सराहा जाएगा और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.