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हजारीबाग(डेस्क): हजारीबाग जिले में महिला डीसी नैंसी सहाय तैनात है. ऐसे में जिला वासियों की आम अवधारणा यहीं होती है कि इस जिले में करप्शन कम होगा, मगर ऐसी अवधारणा सिर्फ कल्पना मात्र ही हैं. दरअसल, हकीकत तो यह है कि हजारीबाग जिले में भ्रष्टाचार खुल्लेआम तांडव कर रहा है.
आपको बता दें, झारखंड सरकार ने गरीबों को अपना मकान 'अबुआ आवास' देने के उद्देश्य से योजना बनाई है. मगर यह क्या..? अबुआ आवास तो संपन्न लोगों को बांट दिए गए.और जिन लोगों यानी कि वास्तविक गरीब लाभुक जिन्हें इस आवास का लाभ मिलना चाहिए था उनका नाम ही सूची से गायब कर दिया गया है. ऐसा खेल जिला के सिर्फ एक नहीं बल्कि लगभग सभी प्रखंडों में चल रहा है. जहां बीडीओ तोल-मोल की बोली लगाकर अबुआ आवास संपन्न लोगो में ही बांटने का काम कर रहे हैं और इस आवास के वास्तविक दावेदार मुंह ताकते रह जा रहे हैं.
दरअसल, यह ताजा मामला जिले के टाटी झरिया प्रखंड का है, जहां के आधा दर्जन वास्तविक गरीबों ने अब अपने हक की आवाज बुलंद कर दी है. ऐसे लोगों ने खुलासा किया है कि गरीब होने के बावजूद उनका नाम सूची से गायब कर दिया गया है. टाटीझरिया के भराजो पंचायत की राधा कुमारी, शोभा देवी, संगीता देवी, कुंती देवी ने बताया कि उनलोगों को यकीन था की महिला DC के कार्यकाल में हम गरीब महिलाओं को न्याय मिलेगा, उनका अपना खुद का आवास होगा. मगर प्रखंड में सक्रिय बिचौलियों ने इनका हक मार दिया है. वे लोग जर्जर और कच्चे मकान में रहने को मजबूर है. सरकार ने उन्हें अपना घर होने के सपने दिखाए मगर महिला डीसी के कार्यकाल में मजबूत हो चुके बिचौलिवों ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया है.