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रांची/डेस्क: छठ पूजा हिंदुओं के लिए केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक महापर्व है जिसे बेहद श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है. हर साल दो बार छठ का आयोजन होता है, लेकिन कार्तिक महीने में मनाया जाने वाला छठ विशेष महत्व रखता है. यह महापर्व चार दिन चलता है, और इसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है. इसके अगले दिन खरना होता है, फिर शाम को पहला अर्घ दिया जाता है, और अंत में उगते सूरज को अर्घ देने के साथ इस पर्व का समापन होता है. जहां पूरे भारत और दुनिया के कई हिस्सों में लोग इस महापर्व को श्रद्धा भाव से मनाते हैं, वहीं कुछ जगहों पर इसे लेकर पाबंदियां भी लगाई गई हैं. इन पाबंदियों का कारण कोविड-19 महामारी और कुछ स्थानों पर घाटों की खतरनाक स्थिति रही है. आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में, जहां छठ पूजा पर बैन लगाया गया था.
जहां छठ पूजा पर बैन लगाया गया
पंचकूला, हरियाणा (2020): कोरोना महामारी के दौरान 2020 में पंचकूला में छठ पूजा पर बैन लगा दिया गया था. पब्लिक प्लेसेस पर लोगों को एकत्र होने से मना कर दिया गया था, हालांकि, लोग अपने घरों की छत्त पर पूजा कर सकते थे.
दिल्ली (2020 और 2021): दिल्ली में भी 2020 और 2021 में छठ पूजा पर पाबंदी लगाई गई थी. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए यह निर्णय लिया था. लोगों से अपील की गई थी कि वे अपने घरों में ही पूजा करें और सार्वजनिक स्थलों पर एकत्रित न हों.
आरा, बिहार (2024): इस साल बिहार के आरा जिले में तीन घाटों पर छठ पूजा पर बैन लगाया गया है. इन घाटों की गहरी और दलदली स्थिति को देखते हुए अधिकारियों ने यह फैसला लिया. इन स्थानों पर पूजा करना लोगों के लिए खतरनाक हो सकता था, इसलिए इन घाटों पर छठ पूजा करने पर रोक लगा दी गई है.
इन पाबंदियों का मुख्य उद्देश्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, लेकिन इसके बावजूद छठ पूजा का महत्व और श्रद्धा में कोई कमी नहीं आई है.