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रांची/डेस्क: आज के ज़माने में इंसान की नियत नहीं बल्कि उसका पैसा बोलता हैं. वो कहते है न कब इंसान के अंदर लालच का जन्म होता है तो वह उसके सुख और संतुष्टि को खत्म कर देता हैं. पैसे के लिए कोई कुछ भी कर सकता हैं. चाहे वो 200 रूपए हो फिर 20 रूपए, लोभ इंसान को स्वार्थी बना देता हैं. ऐसा ही मामला सामने आया है जिसने रिश्तों को शर्मसार कर दिया हैं. एक लड़की के लिए उसका भाई कुछ भी कर सकता हैं. वो उसका रक्षक होता हैं. वहीं चाचा पिता समान होते है लेकिन क्या हो जब ये रिश्ते की तबाही का कारण बन जाए.
आइये जानते है क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो न केवल लोगों को हैरान कर रहा है बल्कि सामाजिक रिश्तों को भी शर्मसार कर रहा हैं. दरअसल, इस योजना का फायदा उठाने के लालच में एक भाई ने अपनी बहन से शादी करने की कोशिश की तो वहीँ एक चाचा अपनी ही भतीजी को बीवी बनाने के लिए तैयार हो गया. यह दोनों मामले मुरादाबाद जिले के है और स्थानीय अधिकारियों ने इन आवेदनकर्ताओं के बारे में जांच की तो पारिवारिक रिश्तों के बीच शादी करने के प्रयास का खुलासा हुआ.
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए सामूहिक विवाह आयोजित कर सहायता प्रदान करना हैं. योजना के तहत शादी करने वाले दंपत्तियों को 35,000 रूपए नकद और अन्य तोहफे दिए जाते है लेकिन इस योजना का फायदा उठाने के चक्कर में कुछ लोगों ने अपने पारिवारिक रिश्तों को ही धज्जी में उड़ा दिया. अधिकारियों ने जब इन मामलों की जांच की तो उन्हें यह देखकर आश्चर्य हुआ कि कुछ लोग पारिवारिक रिश्तों को धोखा देने के लिए इस योजना का दुरूपयोग करने की कोशिश कर रहे थे.
जानकारी के मुताबिक, जब इन व्यक्तियों ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आवेदन किया तो अधिकारियों को संदेह हुआ और उन्होंने इनकी पृष्ठभूमि की जांच की. जांच में यह सामने आया कि एक युवक ने अपनी बहन से शादी करने का प्रयास किया जबकि दूसरे व्यक्ति ने अपनी भतीजी को बीवी बनाने का मन बना लिया था. इन आवेदनकर्ताओं के पास जब पारिवारिक रिश्तों के दस्तावेज मिले तो अधिकारियों ने तुरंत इन मामलों को खारिज कर दिया और मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी.