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बिहार/डेस्क: बिहार में कथित भ्रष्टाचार के एक और मामले में, अररिया जिले के फारबिसगंज प्रखंड के कौआचार गांव को जोड़ने वाला लगभग 4 करोड़ रुपये की लागत से बना एक पुल सोमवार दोपहर को अचानक ध्वस्त हो गया. इस घटना के बाद वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है. ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा परमान नदी पर 2019 में लगभग 3.80 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह पुल मात्र तीन साल में ही जर्जर हो गया है, जिसके बाद इस पर आवागमन पहले ही बंद कर दिया गया था. पुल में चार स्पेन थे, जिनमें से बीच का एक स्पेन पूरी तरह से नीचे धंस गया है.
सड़क संपर्क पूरी तरह से टुटा
सबसे अधिक हैरानी की बात यह है कि कौआचार गांव, जहां यह पुल ध्वस्त हुआ है, वह अररिया के भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह का पैतृक गांव है. पुल के ध्वस्त होने से पटेगना और फारबिसगंज, सिकटी का सड़क संपर्क टूट गया है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय ग्रामीण करोड़ों की लागत से बने इस पुल के इतनी जल्दी जर्जर होने और ढहने को लेकर निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगा रहे हैं. ऐन चुनाव के वक्त हुई इस घटना ने फारबिसगंज विधानसभा क्षेत्र के चुनावी माहौल को गरमा दिया है.
पहले भी ढह चुके हैं पुल
अररिया जिले में पुल ढहने की यह दूसरी बड़ी घटना है. इससे पहले, 18 जून 2024 को सिकटी प्रखंड के पड़रिया में बकरा नदी पर बन रहा 12 करोड़ रुपये का एक पुल भी धंस गया था. इन दोनों पुलों का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग, अररिया द्वारा ही कराया गया था, जिससे विभाग की कार्यशैली और निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.
इंजीनियर का बयान
इस मामले पर ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर ने बताया कि पुल के धंसने की जानकारी पहले ही विभाग को मिल गई थी. उन्होंने बताया कि इस संबंध में 30 अक्टूबर 2025 को विभाग को पत्र भी भेजा गया था. उन्होंने कहा कि आज की स्थिति को देखते हुए डीएम और एसपी को भी सूचित कर दिया गया है, ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इंजीनियर ने यह भी बताया कि संवेदक की पांच साल की गारंटी अवधि समाप्त हो चुकी है. हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि पुल की आयु और निर्माण गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी, और विभागीय आदेश के तहत दोषियों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
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