नितम राज/न्यूज़11 भारत
बिहार/डेस्क: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान के विरोध में महागठबंधन द्वारा बुलाए गए 9 जुलाई को बिहार बंद के समर्थन में सोमवार की शाम गयाजी शहर में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने मशाल जुलूस निकाला. यह जुलूस अंबेडकर चौक से शुरू होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए टावर चौक पर पहुंचा. जुलूस में राजद, कांग्रेस और वाम दलों के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में राजद के जहानाबाद सांसद सुरेंद्र यादव ने चुनाव आयोग के गहन पुनरीक्षण अभियान को एनडीए सरकार का साजिश करार दिया. उन्होंने कहा कि, "पहले मोदी सरकार ने नोटबंदी के नाम पर 500 और 1000 के नोट बंद किए, फिर 2000 के नोट चलन से बाहर किए और अब वोटर लिस्ट से नाम हटाकर गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों को लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है."
इस मौके पर कांग्रेस नेता मोहन श्रीवास्तव ने भी इस अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा, "यह गहन पुनरीक्षण नहीं, लोकतंत्र पर गहरी चोट है. सरकार जानबूझकर सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के नाम काट रही है. हम इसे हर हाल में रोकेंगे. जनता अब सब समझ चुकी है और आने वाले दिनों में जवाब देगी." महागठबंधन नेताओं की ओर से सभी सामाजिक वर्गों से अपील की गई कि वे 9 जुलाई को बिहार बंद में भाग लें और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट हों. मशाल जुलूस में प्रमुख रूप से कांग्रेस नेता मोहन श्रीवास्तव, राजद जिलाध्यक्ष नेजाम, युवा नेता कुमार जीतेंद्र, रिता वर्णवाल, तारिक अनवर सहित बड़ी संख्या में महागठबंधन कार्यकर्ता मौजूद रहे.