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रांची/डेस्क: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं विधानसभा नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "आख़िरकार आज समझ आ ही गया कि ‘संविधान बचाओ’ की आड़ में कांग्रेस वास्तव में करना क्या चाहती है.इस मौक़ापरस्त पार्टी को देश में हुए आतंकी हमले का भी राजनीतिक लाभ उठाना है. सर्वदलीय बैठक के बाद इनके नेता सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि वे केंद्र सरकार के हर फ़ैसले में साथ हैं, और पीठ पीछे 'संविधान बचाओ रैली' कर पूरे देश में भ्रम फैला रहे हैं."
उन्होंने आगे कहा, "समय पूरे देश को एकजुट रहने की ज़रूरत है, उस समय कांग्रेस झूठ और अफ़वाह फैलाकर देश के भीतर दरार पैदा कर रही है. अगर यह देशद्रोह नहीं है, तो क्या है? यह संविधान और देश की जनता के साथ सीधा धोखा है. आज रांची में कांग्रेस की ‘संविधान बचाओ रैली’ में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे जी ने केंद्र सरकार पर अनर्गल और आधारहीन आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को तीन दिन पहले से हमले की जानकारी थी, और उन्हें इंटेलिजेंस रिपोर्ट पहले ही मिल गई थी. शायद कांग्रेस के समय में सिस्टम ऐसे ही काम करता होगा तभी ऐसी घटनायें आम थीं. जब देश में कांग्रेस की सरकार थी तो दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बैंगलोर, वाराणसी समेत पूरा देश सीरियल बम धमाकों से सिहर उठता था. 26/11 जैसे हमलों को अंजाम देकर आतंकी खुलेआम मौत का नंगा नाच करते थे. यहां तक कि कांग्रेस की सरकार में पाकिस्तानी हमारे सैनिकों का सिर काटकर ले जाते थे. लेकिन जब आदरणीय प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने हैं, पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर मार रहे है. सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सेना के शौर्य और पराक्रम का साक्षात उदाहरण हैं."
उन्होंने आगे कहा, "खरगे जी वरिष्ठ और सम्माननीय नेता हैं, लेकिन जब वे भी कांग्रेस की इस ओछी राजनीति का हिस्सा बन रहे हैं, तो उन्हें यह साबित करना होगा कि आख़िर उन्होंने यह ख़बर किस अख़बार में पढ़ी और किन ‘सूत्रों’ की बात कर रहे हैं. अगर वे इसे साबित नहीं कर सकते, तो उन्हें केंद्र सरकार और देश की जनता से अपनी इस शर्मनाक बयानबाज़ी के लिए माफ़ी माँगनी होगी.पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऐसे समय में जब पूरी दुनिया व्यथित है, तब खरगे जी का गैर जिम्मेदाराना बयान सेना और सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल तोड़ने और एक तरह से पाकिस्तान को मदद करने वाला प्रयास कहा जायेगा.अंत में कांग्रेस के नेताओं से एक नम्र निवेदन है कि वह अल जज़ीरा पढ़ना छोड़ दें."