सुमित कुमार पाठक/न्यूज़11 भारत
पतरातु/डेस्क: राष्ट्रभक्त ओबीसी मोर्चा पतरातू रेलवे कॉलोनी मेंर्चा के साथ साथ ईसीआरकेयू, एवं एससी/ एसटी एम्पलाइज यूनियन के तत्वाधान में अगस्त क्रांति दिवस मनाई गई, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम एवं हमारा संविधान विषय पर लोगों ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम के प्रारंभ में राष्ट्रभक्त ओबीसी मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष सुबोध कुमार ईसीआरकेयू के सचिव श्री आर. एन. चौधरी एससी/ एसटी ईम्पलाइज यूनियन के प्रेसिडेंट तेज सिंह के साथ साथ सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से भारत माता की तस्वीर पर दीप प्रज्वलित कर पुष्प अर्पित किये इसके उपरांत सभी लोग एक साथ राष्ट्रीय गान जन गण मन अधिनायक जय हे पुरी श्रद्धा एवं जोश से गाये, तत्पश्चात वक्ताओं ने स्वतंत्रता संग्राम एवं हमारा संविधान पर बारी-बारी से अपने विचार रखे.
राष्ट्रभक्त ओबीसी मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष सुबोध कुमार ने अगस्त क्रांति दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 8 अगस्त 1942 का मुंबई अधिवेशन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का मील का पत्थर साबित हुआ गांधी जी का दिया हुआ नारा करो या मरो अंग्रेजों भारत छोड़ो" देशभर में जन आंदोलन बनकर खड़ी हो गई, और अंग्रेजी हुकूमत के पांव उखड़ने लगे थे, आजादी के उपरांत हमें जो पवित्र संविधान मिला है वह हर नागरिक को समान अधिकार एवं समान अवसर प्रदान करती है, संविधान ही हमे कहती है कि, जिसमें जितनी हुनर ,उसके लिए उतने बड़े अवसर!
ईसीआरकेयू शाखा पतरातू के पूर्व सचिव आर. एन. चौधरी ने कहा की पतरातू रेलवे कॉलोनी में अगस्त क्रांति दिवस कार्यक्रम के आयोजन से लोगों के बीच आजादी के इस महत्वपूर्ण हिस्से को जानने एवं समझने का अवसर प्राप्त हुआ जिससे कई लोग अनभिज्ञ थे , अगस्त क्रांति दिवस के विषय में हमारी नई पीढ़ी को अच्छी तरह से समझने एवं जन की जरूरत है.
रेलवे एससी/ एसटी यूनियन के दीपक कुमार ने कहा की स्वतंत्रता संग्राम से हम अंग्रेजों से आजाद हुए एवं संविधान ने हमें आजाद भारत में सर उठाकर चलने का अधिकार दिया. ललन ठाकुर ,रामू भैया, विकास पासवान ने अगस्त क्रांति दिवस एवं महात्मा गांधी जी के अहिंसात्मक आंदोलन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हथियार लेकर तो कोई भी लड़ सकता है, परंतु निहत्थे होकर हथियार बंद के सामने निडर होकर खड़ा रहने की ताकत सिर्फ गांधी जी के अनुयायियों में थी, आर. के.मंडल एवं तेज सिंह ने कहा कि गांधी जी का नारा करो या मरो मात्र एक नारा नहीं हर भारतीयों के लिए आजादी की एक शपथ थी. संजय यादव, मिथिलेश सिंह, संजय उरांव हम गोरे अंग्रेजों से तो आजाद हो गए हैं परंतु देश में आज भी काले अंग्रेज मौजूद है जिसके कारण देश में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, जातिवाद ,भाषा विरोध आज भी कायम है जो धीरे-धीरे देश को खोखला कर रही है.
कार्यक्रम में संजय रवानी, संदीप स्वर्णकार, राकेश कुमार, संदीप कुमार, सुशील कुजूर, उमेश यादव, सोनू कुमार, रामनारायण सिंह एवं अन्य लोग उपस्थित रहे.
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