रंजन त्रिगुण/न्यूज़11 भारत
बिहार/डेस्क: कैमूर जिले में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. सरकार से लोगों को मिलने वाले मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में अधिकारी जांच के नाम पर रिश्वत की मांग करते हैं. ऐसा आरोप एक ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद लगा है. अगर वायरल ऑडियो के अनुसार देखा जाए तो प्रत्येक वित्तीय वर्ष में करोड़ों रुपए का रिश्वत के नाम पर घोटाला कैमूर में सिर्फ एक योजना में उद्योग विभाग के अधिकारी के द्वारा किया जा रहा है. इस प्रकार कई योजनाएं जिले में संचालित है.
कैमूर जिले में एक ऑडियो क्लिप बहुत तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री लघु उद्यमि योजना के लाभुक नुआंव प्रखंड के जैतपुरा के अरविंद राय से 15 से 20 हजार रुपए का मांग जांच करने के लिए किया जा रहा है. वही लाभुक द्वारा पहले 10 हजार रुपए पहले किश्त में देने की बात भी कही जा रही है और जिलाधिकारी से इस पूरे मामले पर कार्रवाई का मांग किया जा रहा. उद्योग विभाग के पदाधिकारी ने कहा अभी तक संज्ञान मामला नहीं आया है आएगा तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
लाभुक अरविंद कुमार राय ने बताया आटा चक्की मिल और बेसन पीसने के लिए उद्योग लगाने हेतु उद्योग विभाग में आवेदन किया था, जिसमें मेरा चयन भी कर लिया गया. जब पहली बार 50 हजार रुपए की राशि आई तो फील्ड कोऑर्डिनेटर विकास कुमार मिश्रा और उनके साथ मौजूद रहे पिंटू कुमार द्वारा 10 हजार रुपए ले लिया गया. जब दोबारा एक लाख रुपए किस्त आई तो उनके द्वारा 15 से 20 हजार रुपए की मांग की गई. जब वह लोग जांच स्थल पर पहुंचे तो 35 हजार रुपए की मांग करने लगे. जिसे मैं बातचीत का ऑडियो क्लिप रिकॉर्ड करके वायरल भी कर दिया है. जांच कर कारवाई किया जाए.
समाजसेवी सतीश कुमार यादव उर्फ पिंटू ने बताया मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में करोड़ों रुपए का घोटाला अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है. ताजा मामला जैतपुर के लाभूक अरविंद कुमार राय के साथ हुई है. जिसे इसका लाभ दिलाने के नाम पर 10 हजार रुपए पहले उगाही कर लिया गया है. फिर 15 से 20 हजार रुपए का मांग किया जा रहा है. अधिकारियों द्वारा गरीबों से भी रिश्वत लिया जा रहा है. मैं जिलाधिकारी को भी ऑडियो भेज कर कार्रवाई का मांग किया हूं.
उद्योग विभाग के महाप्रबंधक हेमलता कुमारी ने बताया मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लोगों को लाभ दिया जा रहा है. जो भी उसकी शर्तों को पूरा करता है उसी से कोई पैसे की डिमांड नहीं हुई है और न ही अब तक किसी के द्वारा कोई शिकायत किया गया है. शिकायत मिलता है तो जांच कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी.