प्रशांत/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: आधार कार्ड से राशन कार्ड लिंक होने के बाद जिले में चौकाने वाले आंकड़े आए हैं. मकसद गरीबों को सस्ती दर पर अनाज मुहैया कराना है, उस योजना का फायदा अमीर और अपात्र लोग उठा रहे हैं. प्रशासन द्वारा किए गए हालिया जांच में पाया गया है कि जिले में कई ऐसे परिवार, जिनकी सालाना पास चारपहिया वाहन तक हैं, वे आय लाखों में है और जिनके भी गरीबों के लिए बनी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं. 25 लाख के टर्नओवर वाले घरों में भी लाल और पीला राशन कार्ड मौजूद है. इनकी संख्या एक-दो नहीं बल्कि 75 से अधिक है. कई तो होटलों के मालिक भी हैं, किसी के पास गोदाम है तो कोई खनन व्यवसाय से जुड़ा है. इतना ही नहीं, 6 लाख से ऊपर के टर्नओवर वाले 7,000 से अधिक लोग हर महीने सरकारी गेंहू और चावल उठा रहे हैं. प्रशासनिक रिपोर्ट के अनुसार, 6,00,000 से अधिक टर्नओवर वाले करीब 7000 लोग उठा रहे हैं राशन.
1,500 लोगों के पास है चारपहिया वाहन, रद होंगे सभी कार्ड
जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि 1,500 से अधिक ऐसे लाभार्थी हैं जिनके पास चारपहिया वाहन दर्ज हैं, फिर भी वे बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) के तहत मिलने वाले राशन का फायदा ले रहे हैं. जिला आपूर्ति विभाग प्रखंडवार आंकड़ा तैयार कर रहा है. बात करें 25 लाख से अधिक टर्नओवर वाले लोगों की तो इसकी सबसे अधिक संख्या इचाक में है. आधार लिंक होने के बाद अमन जैसे ही आंकडे खगाले, तो यह देखकर हैरानी हुई कि जो लोग सरकारी योजनाओं के दायरे में रद्द बिल्कुल नहीं आते, वहीं लोग गरीबों के हक पर डाका बल रहे थे. अब इनकी सूची बनाई जा रही है और कार्ड करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. पूरे राज्य में यह अभियान चल रहा है. 14 ऐसे लोग हैं जो पत्थर खनन व्यवसाय से जुड़े हैं. लाखों रुपये कमा रहे, फिर भी गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं. वैसे ही चारपहिया वाहन वाले सबसे अधिक लाल-पीला कार्डचारी चौपारण और बड़कागांव में हैं. चौपारण में 159 तो बड़कागांव में इनकी संख्या 153 है. जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में जिले के हर पंचायत और वार्ड में विशेष अभियान चलाकर अपात्र राशन कार्डधारकों की सूची सार्वजनिक की जाएगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे. इसके साथ ही आम जनता से भी अपील की गई है कि वे इस जांच में सहयोग करें और ऐसे लोगों की जानकारी दें जो सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठा रहे हैं.
जिले में 2.47 लाख राशनकार्ड धारी
वर्तमान में जिले में 2.47 लाख राशनकार्डधारी है. इसमें अब तक करीब 80 प्रतिशत लोगों के कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ दिया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि अमीरों के द्वारा गरीबों की हकमारी की वजह से 1000 से अधिक लोगों के कार्ड रिक्तियां न रहने की वजह से लंबित है. ऐसे में अयोग्य लोगों के नाम राशन कार्ड से हटने के बाद इन लोगों का नाम आसानी से जुड़ सकेगा.