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बिहार/डेस्क: पटना के मेदांता अस्पताल में शनिवार का दिन एक भावुक क्षण का गवाह बना. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी अपने साथी मंत्री व राजद के कद्दावर नेता संजय यादव की बीमार मां को देखने पहुंचे. अस्पताल के कमरे में प्रवेश करते ही माहौल गंभीर था, लेकिन मां को देखकर डॉ. अंसारी की आंखों में आंसू आ गए. यह दृश्य देखकर संजय यादव भी अपने भावनाओं को रोक नहीं पाए और उनकी आंखें भी नम हो गईं.
दोनों नेताओं के बीच यह क्षण सिर्फ राजनीति से परे मानवीय रिश्तों और पारिवारिक स्नेह का प्रतीक बन गया. डॉ. अंसारी ने कहा की "मां का न होने का गम मैं भली-भांति समझ सकता हूं, क्योंकि मैंने अपनी मां को खोया है. जीवन में मां का होना सबसे बड़ा सुकून है. ऐसे समय में धैर्य रखना और उम्मीद बनाए रखना जरूरी है." उन्होंने भरोसा दिलाया कि संजय यादव की मां जल्द स्वस्थ होंगी और बताया कि डॉक्टरों से उनकी लंबी चर्चा हुई है.
डॉ. अंसारी न केवल एक मंत्री के रूप में, बल्कि एक संवेदनशील इंसान के रूप में भी पहचाने जाते हैं. अपने कार्यकाल में उन्होंने मरीजों के अधिकारों की रक्षा के लिए कई अहम फैसले लिए हैं — जैसे निजी अस्पतालों में बिना बिल चुकाए भी शव को परिजनों को सौंपना अनिवार्य करना. उनके ऐसे कदम समाज में मानवीय मूल्यों और संवेदनशील नेतृत्व की मिसाल पेश करते हैं. मेदांता का यह भावुक पल हमें याद दिलाता है कि पद और जिम्मेदारियां कितनी भी बड़ी क्यों न हों, इंसानियत और संवेदनशीलता ही असली पहचान होती है.