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रांची/डेस्क: RJD के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आलोक मेहता के ठिकानों पर ED ने छापेमारी की है. ED की ये कार्रवाई 'The Vaishali Urban Development Co-operative Bank Ltd.' में हहुए करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में की गई है. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते है आलोक मेहता. इस मामले को लेकर ED के अधिकारियों ने आलोक मेहता से पूछताछ की है. बताया जा रहा है कि जब ED के अधिकारियों ने आलोक मेहता से पूछताछ की तो उनके पसीने छूट गए. ED ने यह छापेमारी चार राज्यों में 19 जगहों पर की है. फिलहाल इस मामले में 85 करोड़ रुपए के घोटाला सामने आया है. इसकी और भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
आलोक मेहता के छूटे पसीने
ED 'The Vaishali Urban Development Co-operative Bank Ltd.' में हुए 85 करोड़ रुपए के मामले में जांच कर रही है. शुक्रवार 10 जनवरी की सुबह आलोक मेहता के घर समेत कई ठिकानों पर ED ने छापेमारी की थी. आलोक मेहता RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते है. ED अधिकारियों के पूछताछ के दौरान आलोक मेहता ने संतोषजनक जवाब नहीं दिए थे. कहा जा रहा है कि इस ठंड के मौसम में भी पूछताछ के दौरान आलोक मेहता के पसीने छूट गए थे.
आलोक मेहता के पिता ने शुरू की थी बैंक
'The Vaishali Urban Development Co-operative Bank Ltd.' की स्थापना आलोक मेहता के पिता तुलसीदास मेहता ने करीब 37 साल पहले की थी. आपको बता दे कि तुलसीदास मेहता कई बार विधायक और राज्य सरकार में मंत्री रह चुके है. ऐसा बताया जाता है कि तुलसीदास मेहता के राजनीतिक प्रभाव के कारण ही 'The Vaishali Urban Development Co-operative Bank Ltd.' की स्थापना हुई थी. इसके बॉस इस बैंक से हजारों लोग जुड़े थे. तुलसीदास मेहता का निधन साल 2019 में हो गया था. इसके बाद बैंक की जिम्मेदारी उनके बेटे आलोक मेहता को मिल गई. जैसे ही आलोक मेहता को इस घोटाले के बारे में जानकारी हुई, वह इस बैंक से अलग हो गए. इसके बाद उनके भतीजे संजीव कुमार मेहता को बैंक का चेयरमैन बनाया गया था.
आलोक मेहता के भतीजे है बैंक के चेयरमैन
'The Vaishali Urban Development Co-operative Bank Ltd.' के आधिकारिक वेबसाइट पर संजीव कुमार मेहता के के संदेश में 2021-22 की वार्षिक आम बैठक (AGM) की रिपोर्ट उपलब्ध है. इस रिपोर्ट में बीते पांच वित्तीय वर्षों में से एक चार वर्ष बैंक का मुनाफा एक करोड़ रुपए से ज्यादा दिखाया गया है. इस बैंक में आज के समय में करीब 24 हजार लोग ग्राहक है. महुआ कोऑपरेटिव कोल्ड स्टोरेज और लिच्छवी कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड के 60 करोड़ रुपए के कर्ज को दबाने का आरोप बैंक पर है. आपको बता दें कि यह दोनों हो कंपनियां मेहता परिवार से जुड़ी हुई है. इन्हें कर्ज देने वक़्त नियमों का पालन नहीं किया गया था. इसके अलावा फर्जी LIC पेपर और फर्जी पहचान पत्र पर 30 करोड़ रुपए निकलने का भी आरोप है. इन सभी मामलों में कुल 3 मुकदमे दर्ज है. ED ने इन सभी मुकदमें के जांच के आधार पर कार्रवाई की है.
कार्रवाई से गर्मी सियासी
RBI ने 'The Vaishali Urban Development Co-operative Bank Ltd.' को साल 1996 में लाइसेंस दिया था. आलोक मेहता ने साल 2012 में बैंक के चेयरमैन पद को छोड़ दिया था. इसके बाद बैंक के कारोबार में गड़बड़ी की शिकायत होने पर साल 2015 में तुलसीदास मेहता ने पद छोड़ दिया था. इसके बाद बैंक के चेयरमैन के पद पर आलोक कुमार के भतीजे को चुना गया. इस वक़्त बैंक का कारोबार RBI ने बंद कर दिया था. ED के इस कार्रवाई से सियासी गलियारों में खलबली मच गई है. अब देखने वाली बात यह है कि ED आगे की कार्रवाई में क्या-क्या खुलासे करती है.