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रांची/डेस्क: अंतरिक्ष वैज्ञानिक 3I/एटलस को उल्का पिंड या धूमकेतु होने का अनुमान लगा रहे थे, अब उसके बारे में एक बड़ी खबर सामने आ रही है. यह खबर नहीं, खबर सच हुई तो यह किसी बड़े खतरे का संकेत मान सकते हैं. 3I/एटलस नामक यह बला हमारे सौरमंडल से पृथ्वी की ओर बढ़ती आ रही है. अगर यह उल्का पिंड है तब भी पृथ्वी की ओर इसका आना बड़ा खतरा है, लेकिन अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का एक वर्ग बता रहा है कि 3I/एटलस नामक यह बला उल्का पिंड या धूमकेतु नहीं, बल्कि 'एलियन का स्पेस शिप' हो सकता है. वैज्ञानिको को ऐसा होने का अनुमान इसलिए है, क्योंकि इसकी चाल अप्रत्याशित है जो उसके सामान्य उल्का पिंड होने के सम्भावना को दरकिनार कर रहा है.
हार्वर्ड के वैज्ञानिक एवी लोएब दावा कर रहे हैं कि 3I/एटलस नामक यह पिंड प्राकृतिक वस्तु प्रतीत नहीं हो रही है, अगह यह एलियन का 'मदरशिप' या अंतरिक्ष यान हो तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है. एवी लोएब ने अपनी आशंकाओं को भी स्पष्ट किया है. लोएब इस पिंड की गति, कक्षा और संरचना के कारण सशंकित हैं. यह पिंड 60 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से बढ़ रहा है. सूर्य के चारों ओर इसके घूमने की गति असामान्य प्रतीत हो रही है, ऐसा व्यवहार अंतरिक्ष के दूसरे प्राकृतिक पिंड में नहीं करते. यही वजह है कि यह धूमकेतु का सिर्फ भ्रम पैदा कर रहा है, लेकिन धूमकेतु है नहीं.
बता दें कि 3I/एटलस नामक यह पिंड 1 जुलाई को पहली बार तब चर्चा में आया था जब चिली में नासा-फंडेड एटलस टेलीस्कोप से इसे खोजा गया था. एटलस टेलीस्कोप से खोजे जाने की वजह से ही इसका नाम एटलस रखा गया है. इस पिंड के बारे में नयी जानकारी सामने आने के बाद लोएब ने विश्व नेताओं से अपील भी की है इस स्थिति की गंभीरते को समझते हुए इसके निबटने की वैश्विक कार्ययोजना पर तुरंत काम करने की जरूरत है.
क्या दुनिया इस खतरे से निबटने में सक्षम है?
लोएब जैसा कह रहा है, अगर यह सच है तो क्या धरती इस तरह के खतरे से निबटने में सक्षम है? दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) समेत जितने भी संसाधन है, वह धरती पर एस्ट्रोयड के टकराने से, वह भी एक सीमा तक, निबटने में सक्षम है, लेकिन लेकिन एलियन के खतरे से निबटने की अब तक दुनिया में कोई नीति तैयार नहीं जा सकी है. लोएब की बात को सच मान लें तब भी यह खतरा कैसा होगा, इसके बारे में अभी सिर्फ सोचा ही जा सकता है.
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