झारखंड » रांचीPosted at: जून 23, 2025 ऑल इंडिया आदिवासी कांग्रेस की बैठक में शामिल हुई कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, ट्राइबल लीगल काउंसिल के गठन से लेकर सरना धर्म कॉलम तक का रखा सुझाव
दिल्ली में 10 जनपथ पर राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक

न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- दिल्ली स्थित 10 जनपथ में ऑल इंडिया आदिवासी कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक में मध्य प्रदेश , राजस्थान , झारखंड के आदिवासी विधायक और सांसद शामिल हुए . लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में झारखंड की कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने राज्य के संदर्भ में अपनी राय और सुझाव दिया . ये बैठक आदिवासी अस्मिता के संरक्षण और संवर्द्धन के लिहाज से खास रही . बैठक में मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने झारखंड में जमीन से जुड़ी समस्या और भविष्य को लेकर अपनी बात रखी . उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में पूर्व की रघुवर दास सरकार ने लैंड डिजिटाइजेशन के नाम पर रैयतों को उन्हीं की जमीन से बेदखल करने की साजिश रची थी . लैंड रिकॉर्ड में गलत नाम , गलत प्लॉट संख्या , पंजी 2 में किसी दूसरे के नाम चढ़ाना, ये सब कुछ लैंड डिजिटाइजेशन के नाम पर किया गया . सरकार के इस फैसले से राज्य का हर वर्ग खास कर आदिवासी समाज सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ . आज भी झारखंड के भोले भाले आदिवासी परिवार के लोग जमीन से संबंधित कागजात और खतियान ले कर अंचल कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर है . उनकी मदद करने वाला कोई नहीं है . यहां तक की कोर्ट में भी आदिवासी परिवार को सिर्फ इस लिए न्याय नहीं मिल पा रहा क्यूंकि उनके पास अच्छे वकील या मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं है . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बैठक में राज्य में नये सिरे से सर्वे कराने का सुझाव दिया . इसके साथ ही राज्य में ट्राइबल लीगल काउंसिल का गठन करने का सुझाव भी मंत्री ने रखा . उन्होंने कहा कि इससे आदिवासियों की जमीन से संबंधित मामलों का निबटारा समय पर किया जा सकेगा . काउंसिल की तरफ से आदिवासी परिवार को कानूनी मदद के लिए वकील की व्यवस्था करने और उन्हें बेहतर सुझाव उपलब्ध कराना शामिल रहेगा . राज्य में अभियान चला कर गांव _ गांव में भूमि सुधार हेतु कैंप लगाना अत्यंत आवश्यक है . इस कैंप की मदद से जमीन से संबंधित मामलों में भूल सुधार किया जा सकता है . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने देश में जातिगत जनगणना में 2016 के पूर्व अन्य कॉलम की व्यवस्था को सातवां कॉलम के तौर पर इस बार भी जारी रखने की बात कही है . उन्होंने कहा कि प्रकृति पूजक आदिवासियों के लिए जनगणना प्रपत्र में सातवां कॉलम या आदि कॉलम, सरना धर्म कॉलम होना चाहिए . इसके साथ ही बैठक में झारखंड के सिंहभूम जिले के जादूगोड़ा का मुद्दा भी मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने रखा . उन्होंने कहा कि आज कई वर्ष से जादूगोड़ा में न्यूक्लियर वेस्ट का लगातार डंपिंग होने से आदिवासी परिवार के लोग कई तरह की शारीरिक रोग से ग्रसित हो रहे है . ऐसे में अविलंब प्रभावितों के पुनर्वास हेतु सरकार को महत्वपूर्ण कदम उठाया जाना चाहिए . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि अगर झारखंड में परिसीमन होता है तो ऐसे स्थिति में आदिवासियों के लिए आरक्षित पूर्व की सीट परिसीमन के बाद भी आरक्षित रहनी चाहिए . वरना आदिवासियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा . इस महत्वपूर्ण बैठक में आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया , झारखंड के प्रदेश प्रभारी के राजू , झारखंड के आदिवासी विधायक सांसद मौजूद थे .कार्यक्रम में सांसद सुखदेव भगत विधायक दल के उप नेता राजेश कच्छप विधायक विक्सल कोंगाड़ी भूषण बाड़ा सोनाराम सिंकू भी मौजूद थे